आपका पैसा

कमाई कभी ज्यादा-कभी कम है? नोट कर लें ये आसान टिप्स, खर्च भी संभलेंगे और बचत भी बढ़ेगी

अनियमित आय वालों के लिए स्मार्ट बजट, इमरजेंसी फंड और निवेश के आसान टिप्स

Published by
देवव्रत बाजपेयी   
Last Updated- October 08, 2025 | 11:37 AM IST

अगर आपकी इनकम रेगुलर नहीं है, तो पैसे मैनेज करना मुश्किल लग सकता है। ऐसे में बिना सही प्लान के आपका पैसा जल्दी खत्म हो सकता है और भविष्य की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। लेकिन सही तरीके से बजट, बचत और निवेश मैनेज किया जाए, तो अनियमित इनकम होने के बावजूद आप आराम से अपने गोल पूरे कर सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो, आपको हर महीने सिर्फ अपने खर्च नहीं बल्कि बचत और भविष्य की सुरक्षा भी ध्यान में रखनी होगी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, जो लोग अपने खर्च, बचत और निवेश को स्मार्ट तरीके से मैनेज करते हैं, उन्हें पैसों की कमी या इनकम में उतार-चढ़ाव का डर नहीं रहता।

अनियमित आय वाले बजट कैसे बनाएं?

ग्रेट लेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, चेन्नई की एसोसिएट प्रोफेसर – फाइनेंस डॉ. रंजीथा अजय के अनुसार, अनियमित आय वाले लोगों को अपने बजट की योजना हमेशा न्यूनतम आय के आधार पर बनानी चाहिए। इसका मतलब है कि जो सबसे कम राशि हर महीने मिलती है, उसी के हिसाब से खर्चों की योजना बनाई जाए। क्योंकि अधिकतम आय स्थिर नहीं होती, इसलिए बजट को कंजर्वेटिव तरीके से बनाना जरूरी है।

खर्चों को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला है फिक्स खर्च, जैसेकि किराया, राशन, बिजली-पानी और अन्य जरूरी चीजें। इन्हें हर हाल में भरना ही होगा। दूसरा हिस्सा है वैरिएबल खर्च, जैसे मनोरंजन, बाहर खाना, घूमना, ट्रेवल और अन्य शौक। इन खर्चों के लिए अलग बजट बनाना चाहिए। बजट तैयार करते समय सेविंग को पहले प्राथमिकता दें। उदाहरण के लिए, अगर आपकी आय ₹40,000 है, तो इसका 15% बचत में डालें और बाकी का उपयोग फिक्स और वैरिएबल खर्च के लिए करें।

लंबी अवधि की सुरक्षा और इमरजेंसी फंड कैसे बनाएं?

अनियमित आय वाले लोगों के लिए लंबी अवधि की सुरक्षा बहुत जरूरी है। इसका मतलब है कि आपके पास बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी के लिए पैसे हों और लाइफ इंश्योरेंस भी हो, ताकि अचानक मुश्किल समय में आपकी वित्तीय सुरक्षा बनी रहे। इमरजेंसी फंड के लिए एक्सपर्ट का सुझाव है कि इसे अपनी आय का लगभग 5-8% बनाएं। उदाहरण के लिए, अगर आप ₹50,000 कमाते हैं, तो ₹4,000 को इमरजेंसी फंड में रखें।

इसे इस तरह तैयार करें कि अगर आपकी आय अचानक कम हो जाए या नौकरी चली जाए, तो आप 6-9 महीने तक अपने खर्चों को बिना किसी बाहरी मदद के पूरा कर सकें। डॉ. रंजीथा अजय कहती हैं कि इसे अलग बैंक अकाउंट या लिक्विड म्यूचुअल फंड में रखना सबसे सुरक्षित होता है।

फ्लेक्सिबल और गोल-आधारित सेविंग्स कैसे करें?

अनियमित आय वालों के लिए फ्लेक्सिबल सेविंग्स सबसे फायदेमंद होती हैं। कुछ म्युचुअल फंड और पोस्ट ऑफिस योजनाएं फ्लेक्सिबल होती हैं, जिनमें हर महीने निवेश जरूरी नहीं होता। किसी महीने अधिक आय हो तो अतिरिक्त रकम डाल सकते हैं। इसके अलावा गोल-आधारित सेविंग्स भी फायदेमंद होती हैं। उदाहरण के लिए पोस्ट ऑफिस की 3-5 साल की योजनाएं, लंबी अवधि के लिए NPS (National Pension Scheme) और गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश करना। जब भी आपके पास अतिरिक्त पैसा हो, इसे निवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

खर्चों का ट्रैक क्यों रखें और कैसे करें?

आजकल ज्यादातर भुगतान ऑनलाइन होते हैं। इससे अक्सर हमें यह अंदाजा नहीं होता कि कितने पैसे खर्च हुए। इसलिए हर महीने अपने खर्चों का रिकॉर्ड रखें और उसका औसत निकालें। छोटे खर्च भी मिलकर बड़े बन जाते हैं, इसलिए उन्हें नजरअंदाज न करें। सही ट्रैकिंग से आप समझ पाएंगे कि आपका पैसा कहां जा रहा है और भविष्य के लिए बजट बनाना आसान होगा।

अनियमित आय वालों के लिए निवेश विकल्प क्या हैं?

StockGro के फाउंडर और सीईओ अजय लखोटिया कहते हैं कि अनियमित आय वाले लोगों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपने पैसे की लिक्विडिटी यानी जरूरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल होने वाले पैसे और लंबे समय में बढ़ने वाले पैसे दोनों का संतुलन रखें। छोटे समय के पैसे सुरक्षित रखने के लिए लिक्विड म्यूचुअल फंड्स और Sweep-in FDs अच्छे हैं।

Short-Term Debt Funds सेविंग अकाउंट से थोड़ी ज्यादा बचत देते हैं और पैसे सुरक्षित रहते हैं। Flexi-Cap या Balanced Advantage Funds दोनों – शेयर और डेट – में निवेश करके लंबे समय में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। गोल्ड में निवेश जैसे ETFs या गोल्ड बॉन्ड भी महंगाई और रुपये की कमजोरी से सुरक्षा देते हैं।

आय में अचानक वृद्धि का सही इस्तेमाल कैसे करें?

कभी-कभी किसी महीने आपकी आय अचानक बढ़ जाती है। इस स्थिति में इसे सही जगह निवेश करना चाहिए। सबसे पहले अपने इमरजेंसी फंड को टॉप-अप करें। इसके बाद ज्यादा ब्याज वाले कर्ज, जैसे क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, चुकाएं। फिर Systematic Transfer Plan (STP) या SIP के जरिए लंबी अवधि के निवेश में पैसा डालें।

एसेट अलोकेशन सही तरीके से कैसे करें?

अनियमित आय वाले लोगों के लिए अपनी संपत्ति का बंटवारा ऐसा होना चाहिए कि वह सुरक्षित भी रहे और लचीला भी। अपने पैसे का 20% कैश या लिक्विड फंड में रखें, 30% डेट इंस्ट्रूमेंट्स में और 50% शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करें। यह बंटवारा आपकी आय और जोखिम सहन करने की क्षमता के हिसाब से थोड़ा बदल भी सकता है।

SIP और STP क्यों जरूरी हैं?

SIP यानी Systematic Investment Plan आपकी नियमित निवेश की आदत बनाता है और Rupee-Cost Averaging में मदद करता है। अनियमित आय वाले लोगों के लिए फ्लेक्सिबल SIP सबसे सही है। जब आपकी आय बढ़े, तो आप Top-Up SIP कर सकते हैं और Pause/Resume फीचर से जरूरत पड़ने पर निवेश रोक या फिर शुरू कर सकते हैं। आप STP (Systematic Transfer Plan) के जरिए लिक्विड फंड से धीरे-धीरे (3–6 महीनों में) इक्विटी में भी पैसा निवेश कर सकते हैं। इससे आपकी आय में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद निवेश लगातार चलता रहता है।

लंबी अवधि के निवेश शुरू करने का सही समय कब है?

अनियमित आय वाले लोग अक्सर सोचते हैं कि स्थिर माह का इंतजार करें। एक्सपर्ट का कहना है कि जितना जल्दी निवेश शुरू करें, उतना बेहतर है। छोटे और नियमित निवेश भी दशकों में बड़ा रिटर्न दे सकते हैं। समय पर निवेश करने की आदत बनाना ही सबसे महत्वपूर्ण है।

कुल मिलाकर, अनियमित आय वाले लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा तीन हिस्सों में बनाई जाती है। पहला हिस्सा है लिक्विडिटी, यानी इमरजेंसी फंड और लिक्विड फंड, जिससे अचानक खर्च के समय मदद मिल सके। दूसरा हिस्सा है स्थिरता, यानी शॉर्ट-टर्म डेट और हाइब्रिड फंड, जो पैसा सुरक्षित रखते हैं और थोड़े रिटर्न देते हैं।

तीसरा हिस्सा है लंबी अवधि की वृद्धि, यानी इक्विटी फंड और रिटायरमेंट योजनाएं, जो लंबे समय में संपत्ति बढ़ाते हैं। स्मार्ट ऑटोमेशन, फ्लेक्सिबल SIP और अनुशासित निवेश से, अनियमित आय होने के बावजूद भी आप वित्तीय सुरक्षा और संपत्ति बढ़ा सकते हैं।

First Published : October 8, 2025 | 11:37 AM IST