facebookmetapixel
म्युचुअल फंड उद्योग ने SEBI से नियमों में ढील की मांग की, AMCs को वैश्विक विस्तार और नए बिजनेस में एंट्री के लिए छूट चाहिएRBI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा! SME IPOs में खतरे की घंटीRBI Gold Reserves: रिजर्व बैंक के पास 880 टन से ज्यादा सोना, वैल्यू 95 अरब डॉलरInfosys के प्रमोटर्स ने ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक से खुद को अलग कियासितंबर में Debt MF से निवेशकों ने क्यों निकाले ₹1.02 लाख करोड़? AUM 5% घटासस्ते आयात, डंपिंग से देश के स्टील सेक्टर को नुकसान; नीतिगत समर्थन की जरूरत: RBIसोशल मीडिया पर AI कंटेंट पर सख्ती, लेबलिंग और वेरिफिकेशन अनिवार्य; MeitY ने जारी किया मसौदा नियमभारत बनेगा AI कंपनियों का नया ठिकाना, OpenAI और Anthropic करेंगी भर्ती और ऑफिस की शुरुआतIndia-US Trade Deal: 50% से 15% होगा टैरिफ! ट्रंप देंगे बड़ा तोहफा, जल्द फाइनल हो सकती है डीलMajhi Ladki Bahin Yojana: महिलाओं की स्कीम में 12 हजार पुरुषों को मिला फायदा! चौंकाने वाला खुलासा

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग पहली बार आए भारत, पांच अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर

भारत और सिंगापुर नौवहन, नागरिक उड्डयन और अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने के लिए 5 समझौते करेंगे, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध और मजबूत होंगे

Last Updated- September 02, 2025 | 10:26 PM IST
Lawrence Wong
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ प्रधानमंत्री मोदी | फाइल फोटो

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग मंगलवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने पर जोर दिए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही नौवहन, नागरिक उड्डयन और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच 5 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद वोंग की यह पहली भारत यात्रा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वोंग गुरुवार को बातचीत करेंगे और वे महाराष्ट्र में एक कंटेनर टर्मिनल का ऑनलाइन उद्घाटन भी करेंगे। इस परियोजना में पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी (पीएसए इंटरनैशनल) ने एक अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। वित्त वर्ष 2025 में सिंगापुर भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत बन कर उभरा, जहां से 14.94 अरब डॉलर का निवेश आया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2000 से मार्च 2025 तक सिंगापुर से भारत में कुल 174.88 अरब डॉलर का एफडीआई आया है, जो भारत में आए कुल एफडीआई का 24 प्रतिशत है। इसमें से 60 अरब डॉलर का निवेश कोविड महामारी के बाद हुआ है। भारत और सिंगापुर का द्विपक्षीय व्यापार 2004-05 में 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 34.26 अरब डॉलर हो गया। सिंगापुर, भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (वर्ष 2024-25 में) है, जिसकी भारत के कुल व्यापार में 2.96 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दोनों देशों ने वर्ष 2005 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर हस्ताक्षर किए थे। वोंग की यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सिंगापुर, भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है।

इस मामले की जानकारी रखने वालों के मुताबिक दोनों देश भूमिगत जल केबल बिछाकर भारत से सिंगापुर तक सौर ऊर्जा भेजने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इस केबल का इस्तेमाल डेटा कनेक्टिविटी के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि, प्रस्तावित परियोजना के व्यावहारिक पहलुओं से जुड़े अध्ययन में पता चला है कि अंडमान खाई के कारण केबल बिछाने में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं।

सूत्रों ने बताया कि डेटा कनेक्टिविटी के प्रस्ताव के तहत दोनों पक्षों ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में एक वित्तीय डेटा नियामक ‘सैंडबॉक्स’ यानी नियंत्रित वातावरण बनाया है। इसके अलावा भारत से सिंगापुर को ग्रीन अमोनिया और ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात करना भी एक प्रस्ताव है, जिस पर दोनों देश विचार कर रहे हैं।  वोंग की यात्रा से पहले उनके दौरे की तैयारियों के लिए 13 अगस्त को नई दिल्ली में भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय बैठक (आईएसएमआर) हुई थी। इसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिंगापुर के छह मंत्रियों के साथ बातचीत की।

First Published - September 2, 2025 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट