वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने साफ किया कि भारत अपनी जरूरतों के हिसाब से तेल खरीदने का फैसला खुद करेगा। CNBCTv18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “हम अपनी जरूरतों के मुताबिक तय करेंगे कि तेल कहां से खरीदना है। यह हमारा फैसला है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा ही उसकी प्राथमिकता है, न कि कोई बाहरी दबाव।
वित्त मंत्री ने आर्थिक नीतियों और सुधारों पर भी बात की। उन्होंने वित्तीय अनुशासन को बेहद जरूरी बताया। उन्होंने कहा, “लोगों का भरोसा जीतना बहुत जरूरी है। मुनाफा कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता।” उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय तक विकास के लिए विश्वसनीयता और जिम्मेदार नीतियां जरूरी हैं।
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टैक्स सुधारों पर बात करते हुए सीतारमण ने GST के तहत हुए बदलाव का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 99 फीसदी सामान और सेवाएं अब 5 से 18 फीसदी टैक्स के दायरे में हैं। कुछ खास चीजें, जैसे कि लग्जरी और हानिकारक सामान, इसके अपवाद हैं। उन्होंने कहा, “हमें ऐसा कुछ करना था जिससे हर भारतीय पर पड़ने वाला अप्रत्यक्ष टैक्स का बोझ कम हो।”
वित्तीय प्रबंधन पर बोलते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वित्तीय घाटे का लक्ष्य एक बड़ी चिंता है। उन्होंने कहा, “केंद्र का वित्तीय घाटा तय सीमा से कम नहीं होगा।”