भारत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पाम ऑयल पर डयूटी में और कटौती की इंडोनेशिया की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।
इंडोनेशिया ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के साथ चल रही मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) वार्ता में यह मांग रखी थी। इसके अलावा भारत ने इंडोनेशिया से कहा है कि वह अपनी प्रस्तावित नकारात्मक सामान की सूची को और छोटा करे जिन पर डयूटी में कोई कटौती नहीं होगी। दोनों देशों के अधिकारी जून में होने वाली बैठक में इस मसले का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि वाणिज्य मंत्री कमलनाथ ने 3 मई को इंडोनेशिया के शहर बाली में आयोजित आसियान देशों के वाणिज्य मंत्रियों की बैठक में भारत के रूख को स्पष्ट कर दिया था। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत ने साफ कहा कि और कटौती का अध्याय अब समाप्त हो जाना चाहिए।
इंडोनेशिया को छोड़ किसी भी अन्य आसियान देश ने अतिरिक्त डयूटी कटौती का मामला नहीं उठाया है। इन देशों में मलेशिया भी शामिल है जो पाम ऑयल का सबसे बड़ा निर्यातक है।
इंडोनेशिया ने कच्चे पाम ऑयल पर 20 प्रतिशत और रिफाइंड पाम ऑयल पर 30 प्रतिशत की कटौती की मांग कर आसियान वार्ता को एक नया मोड़ दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक यह बात चल रही थी कि इंडोनेशिया को अलग रखते हुए आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर लिए जांए तथा इंडोनेशिया के साथ बातचीत जारी रखी जाए। हालांकि भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
भारत ने बढ़ती मुद्रास्फीति से निबटने के लिए 1 अप्रैल को रिफाइंड पाम ऑयल पर डयूटी में 7.5 प्रतिशत की एकतरफा कटौती की थी और कच्चे पाम ऑयल पर बिल्कुल शून्य कर दिया गया। द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं में डयूटी में एकतरफा कटौती के खास मायने नहीं होते हैं और इसे बाद में वापस भी लिया जा सकता है। भारत इंडोनेशिया और मलयेशिया से अपनी जरूरत का 50 प्रतिशत पाम ऑयल आयात करता है।
एक सूत्र ने कहा कि भारत ने इंडोनेशिया को अपनी नकारात्मक सूची के बारे में अपनी पेशकश में सुधार करने को कहा है। भारत ने नकारात्मक सूची में 14.5 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव किया था, लेकिन इसमें 5 प्रतिशत की ही कटौती की गई। इंडोनेशिया ने भारत के रुख पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा। अगले दौर की वार्ता जून में प्रस्तावित है।