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मैन्युफैक्चरिंग PMI अप्रैल में 10 महीने के हाई पर, IIP में भी दिखी तेजी

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मांगों से समर्थन मिला।

Last Updated- May 02, 2025 | 12:37 PM IST
PMI

Manufacturing PMI: भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट अप्रैल में बढ़कर 10 महीने के हाई पर पहुंच गई। ऑर्डर बुक में जबरदस्त बढ़ोतरी के चलते मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट मिला। जून 2024 के बाद प्रोडक्शन में यह सबसे तेज बढ़ोतरी है। शुक्रवार को एक मंथली सर्वे में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) बढ़कर अप्रैल में 58.2 पर पहुंच गया। यह मार्च में 58.1 पर था। यह पिछले 10 महीनों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत में सबसे मजबूत सुधार को दर्शाता है।

PMI के तहत 50 से ऊपर का स्कोर होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार (Expansion) जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन (Contraction) को दर्शाता है।

नए ऑर्डर्स में तेजी से बढ़ा प्रोडक्शन

आउटपुट ग्रोथ (उत्पादन) में हालिया सुधार का एक प्रमुख कारण नए ऑर्डर्स में तेज बढ़ोतरी रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मांगों से समर्थन मिला। सर्वेक्षण के अनुसार, कुल बिक्री में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स में तेज इजाफे की वजह से हुई।

सर्वे में शामिल प्रतिभागियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में विदेशों से मिले नए कारोबार में पिछले 14 वर्षों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई। यह मांग मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे जगहों से आई।

HSBC के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘अप्रैल में नए निर्यात ऑर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि भारत में उत्पादन में संभावित बदलाव का संकेत दे सकती है, क्योंकि बिजनेस उभरते व्यापार परिदृश्य व अमेरिकी शुल्क घोषणाओं के अनुकूल हो रहे हैं।’’ इस सकारात्मक प्रवृत्ति के साथ रोजगार और क्रय गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

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कंपनियों को मिली कीमत तय करने की ताकत

कीमतों के मोर्चे पर, भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग ने कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति को बढ़ावा दिया जिससे बिक्री शुल्क अक्टूबर 2013 के बाद सबसे अधिक बढ़ गया। यह कच्चे माल की लागत में मामूली वृद्धि के बावजूद था।

अप्रैल के आंकड़ों में आने वाले वर्ष में उत्पादन की संभावनाओं के बारे में मजबूत आशावाद स्पष्ट था, जो मांग की मजबूती की उम्मीदों से प्रेरित था। विपणन प्रयासों, दक्षता में वृद्धि और नए ग्राहक पूछताछ ने भी सकारात्मक पूर्वानुमानों को बल दिया। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

(PTI के इनपुट के साथ)

First Published - May 2, 2025 | 12:25 PM IST

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