भारत को अब तक ‘चीन प्लस वन रणनीति’ को अपनाने में सीमित सफलता मिली है, जबकि वियतनाम, थाईलैंड, कंबोडिया और मलेशिया को इसका बड़ा फायदा मिला है। सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
इसमें कहा गया कि सस्ता श्रम, सरल कर कानून, कम शुल्क और मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने में तेजी जैसे कारकों से इन देशों को अपनी निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिली।
नीति आयोग की रिपोर्ट – ‘ट्रेड वॉच क्वार्टरली’ में कहा गया है कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बड़ा बदलाव आया और बहुराष्ट्रीय निगमों को चीनी विनिर्माण का विकल्प तलाशना पड़ा।