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G20: ग्लोबल सप्लाई चेन की समस्याओं का समाधान है भारत, PM मोदी ने कहा- चिंता की नहीं कोई जरूरत

G20 के आधिकारिक मंच B20 के एक कार्यक्रम को संबो​धित करते हुए PM मोदी ने क्रिप्टो करेंसी और AI मोर्चे पर अधिक एकीकृत नजरिया अपनाने की जरूरत पर जोर दिया

Last Updated- August 27, 2023 | 9:54 PM IST
PM pitches India as a trusted supply chain partner to G20 businesses
PTI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 देशों के व्यापार समुदाय के सामने आज भारत को कुशल आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) के लिए भरोसेमंद साझेदार बताया। उन्होंने सदस्य देशों के कारोबारियों से कहा कि वे भारत अपने उत्पाद बेचने के लिए बाजार भर नहीं मानें।

वैश्विक कारोबारी समुदाय के साथ संवाद के लिए जी20 के आधिकारिक मंच बी20 के एक कार्यक्रम को संबो​धित करते हुए मोदी ने कहा कि वै​श्विक महामारी से पहले और उसके बाद के बीच दुनिया बहुत बदल गई है। उन्होंने कहा, ‘पहले कहा गया था कि जब तक वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला मजबूत रहेगी तब तक चिंता की कोई बात नहीं है। मगर क्या ऐसी आपूर्ति श्रृंखला को कारगर कहा जा सकता है जो टूट जाए और वह भी तब टूटे, जब दुनिया को उसकी सबसे अ​धिक जरूरत हो? मित्रों, आज जब दुनिया इस सवाल से जूझ रही है तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस समस्या का समाधान भारत ही है। कुशल एवं भरोसेमंद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण में भारत की अहम भूमिका है। इसके लिए दुनिया भर के कारोबारियों को आगे बढ़कर और हम सबको मिलकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।’

मोदी ने कहा कि दूसरे देशों को महज बाजार मानने से काम नहीं चलेगा बल्कि इससे उत्पादक देशों को भी नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ‘बाजार मुनाफे भरा तभी हो सकता है, जब उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हितों में संतुलन हो। यह बात देशों पर भी लागू होती है। दूसरे देशों को केवल बाजार समझने से कभी काम नहीं चलेगा। प्रगति में सभी को बराबर का भागीदार बनाना ही आगे की राह है।’

प्रधानमंत्री ने महज पांच साल में 13.5 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकालने में अपनी सरकार की सफलता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नव-मध्यवर्ग में आने वाले ये लोग सबसे बड़े उपभोक्ता हैं क्योंकि वे नई आकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह नव-मध्यवर्ग भारत की वृद्धि को भी रफ्तार दे रहा है। मध्यवर्ग की क्रय शक्ति बढ़ने का सीधा असर कारोबारी गतिविधियों पर भी पड़ता है। हमें बतौर कारोबारी ऐसी व्यवस्था तैयार करनी होगी, जिसका फायदा लंबे अरसे तक बना रहे।’

प्रधानमंत्री ने दुर्लभ धातुओं एवं महत्त्वपूर्ण खनिजों की सार्वभौम जरूरत एवं असमान उपलब्धता की चुनौती पर चेताते हुए कहा कि दुर्लभ धातुओं एवं महत्त्वपूर्ण खनिजों से संपन्न देश इसे वै​श्विक जिम्मेदारी नहीं मानेंगे तो उपनिवेशवाद के नए मॉडल को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने क्रिप्टो करेंसी और कृत्रिम मेधा (AI) के मोर्चे पर अधिक एकीकृत नजरिया अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ऐसी वैश्विक व्यवस्ता तैयार करने का भी सुझाव दिया, जहां सभी हितधारकों की समस्याओं को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘आज दुनिया में एआई के लिए काफी उत्साह देखा जा रहा है। मगर इस उत्साह के बीच कुछ नैतिक मानदंड भी हैं। कुशल बनाने और नए सिरे से कुशल बनाने की बात के बीच एल्गोदिम के पूर्वग्रह और समाज पर उसके प्रभाव के बारे में चिंता जताई जा रही है। हमें इन समस्याओं को मिलकर सुलझाना चाहिए।’

First Published - August 27, 2023 | 9:54 PM IST

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