अर्थव्यवस्था

India GDP growth: लोक वित्त एवं नीति संस्थान ने घटाया वृद्धि अनुमान

शुद्ध निर्यात में गिरावट और चुनावी आचार संहिता के कारण सरकारी खपत में कमी से वृद्धि अनुमान में कटौती, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- October 25, 2024 | 10:27 PM IST

नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी) ने वित्त वर्ष के मध्य में की गई समीक्षा में भारत के वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर घटा दिया है। संस्थान ने भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 6.9-7.1 फीसदी कर दिया है जबकि पहले अप्रैल की समीक्षा में इसने 7.1-7.4 फीसदी का अनुमान जताया था।

शुद्ध निर्यात में तेजी से गिरावट की वजह से वित्त वर्ष 25 की जून तिमाही में वृद्धि सुस्त होने और चुनावी आचार संहिता लागू होने से सरकारी खपत गिरने को इस संशोधन का कारण बताया गया है।

शुक्रवार को प्रकाशित समीक्षा में कहा गया, ‘ चुनावी आचार संहिता की वजह से अप्रैल-अगस्त 2023 की तुलना में अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान पूंजीगत व्यय 19.5 फीसदी गिर गया। हालांकि इसके वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में गति पकड़ने की उम्मीद है।’

समीक्षा में आगे कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में विस्तार की दर 2017-18 से आई सुस्ती से पहले देखी गई 7-8 फीसदी की उच्च वृद्धि के रुझान पर वापस आ गई है। निजी खपत और निवेश में वृद्धि से विकास की गति बरकरार रहने की संभावना है।

समीक्षा के अनुसार, ‘तेल के दामों के झटकों के कारण शुद्ध निर्यात में गिरावट का जोखिम कायम है।’इसमें यह भी कहा गया कि पर्यटन, ट्रैवल और वित्तीय सेवाओं में आपूर्ति की वृद्धि सुस्त रही।

First Published : October 25, 2024 | 10:27 PM IST