रूस से भारत को कच्चे तेल की सिंतबर के शुरुआत से नियमित बनी हुई है। इससे पता चलता है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के दबाव के बावजूद भारत रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने को इच्छुक हैं। वैश्विक शिपिंग डेटा और विश्लेषण प्रदाता केप्लर के मुताबिक रूस से भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति सितंबर के शुरुआती नौ दिनों में 15.5 लाख बैरल प्रति दिन थी जबकि यह अगस्त में 14.9 लाख बैरल प्रतिदिन था।
सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) सहित भारत की तेल रिफाइनर कंपनियां ने रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखी है। इन कंपनियों का तर्क है कि रूस के तेल पर प्रत्यक्ष प्रतिबंध नहीं हैं।
केप्लर के रिफाइनिंग ऐंड मॉडलिंग के प्रमुख शोधकर्ता सुमित रिठाला ने बताया, ‘भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक रूस है। भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में रूस एक तिहाई से अधिक मुहैया करवाता है। यह प्रतिबंधों का दबाव बढ़ने के बावजूद अधिकतम रियायती रूसी तेल हासिल करने की भारत की जारी रणनीति को उजागर करता है।’
भारत के रिफाइनरियों ने रूस के साथ तेल खरीद के जो सौदे जुलाई में किए थे, उनकी आवक सितंबर की शुरुआत में हुई है। इन हालिया प्रतिबंधों का असर सितंबर के अंत या अक्टूबर से ज्यादा स्पष्ट होगा।