प्रतिकात्मक तस्वीर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अनुमान लगाया है कि जल जीवन मिशन के पूरा होने पर प्रतिदिन 5.5 करोड़ घंटे से अधिक समय की बचत होगी, जो अन्यथा घरेलू जरूरतों, मुख्य रूप से महिलाओं के लिए जल संग्रह करने में खर्च होता है। यह भी अनुमान लगाया है कि देश के सभी घरों में सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सुनिश्चित करने से डायरिया रोगों से होने वाली लगभग 400,000 मौतों को रोका जा सकता है, जिससे लगभग 14 मिलियन विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष (DALY) की बचत होगी।
वहीं नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर माइकल क्रेमर ने एक शोध पत्र प्रकाशित किया है और निष्कर्ष निकाला है कि सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित जल उपलब्ध कराने के साथ जेजेएम के कार्यान्वयन से पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में लगभग 30% की कमी आने की संभावना है, जिससे प्रतिवर्ष 1,36,000 लोगों की जान बचाई जा सकेगी। भारतीय प्रबंधन संस्थान बैंगलोर ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के साथ साझेदारी में JJM की रोजगार क्षमता का अनुमान लगाया है। दोनों संस्थानों द्वारा जारी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप JJM के पूंजीगत व्यय चरण के दौरान 59.9 लाख व्यक्ति-वर्ष प्रत्यक्ष और 2.2 करोड़ व्यक्ति-वर्ष अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। इसके अलावा, मिशन के संचालन और रखरखाव से 13.3 लाख व्यक्ति-वर्ष प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की संभावना है।
जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमण्णा ने संसद में बताया कि इस मिशन की शुरुआत में, केवल 3.23 करोड़ (16.7%) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन होने की सूचना दी गई थी। अब तक लगभग 12.28 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से, 15.51 करोड़ (80.07%) से अधिक घरों में नल के पानी की आपूर्ति होने की सूचना है और शेष 3.85 करोड़ घरों के लिए कार्य संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की संतृप्ति योजना के अनुसार पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मानक सांख्यिकीय नमूने के आधार पर, एक स्वतंत्र तीसरी एजेंसी के माध्यम से मिशन के तहत प्रदान किए गए घरेलू नल जल कनेक्शनों की कार्यक्षमता का वार्षिक मूल्यांकन करता है। कार्यक्षमता मूल्यांकन 2022 के दौरान, यह पाया गया कि 86% घरों में नल कनेक्शन थे। इनमें से 85% को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा था, 80% को उनकी पाइप जलापूर्ति योजना के लिए जल आपूर्ति की अनुसूची के अनुसार नियमित रूप से पानी मिल रहा था और 87% घरों को निर्धारित जल गुणवत्ता मानकों के अनुसार पानी मिल रहा था।