अगर भारत और चीन की सीमा पर शांति रहती है तो सरकार चीन से आने वाले निवेश पर लगे प्रतिबंध कम कर सकती है। यह जानकारी उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने दी। चीन पर चार साल से प्रतिबंध जारी है।
स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक में सिंह ने रॉयटर्स से कहा कि दोनों एशियाई देशों के बीच सीमा तनाव कम हो गया है। इससे निवेश संबंधों में सुधार हो सकता है। साल 2020 में भारत ने अपनी सीमा से सटे देशों की कंपनियों के निवेश पर जांच कड़ी कर दी थी और सुरक्षा मंजूरी संबंधी कई शर्तें जोड़ दी थीं।
इस कदम को व्यापक रूप से 3,800 किलोमीटर (2,400 मील) लंबी विवादित हिमालयी सीमा पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प के दुष्परिणाम के रूप में देखा गया था। इन प्रतिबंधों ने दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर के निवेश पर रोक लगा दी। इसकी वजह से चीनी वाहन निर्माता बीवाईडी और ग्रेट वॉल मोटर की कई परियोजनाएं लंबित हैं।
सिंह ने कहा, ‘अब जब हमारे संबंध सुधरने लगे हैं तो मुझे लगता है कि निवेश नियमों में भी ढील दी जाएगी क्योंकि अब सीमा पर हालात स्थिर हैं।’ तनाव घटने के अलावा निवेश बढ़ने की बात पर उन्होंने कहा, ‘निवेश पक्ष पर भी अगर चीजें अच्छे तरीके से चल रही हैं तो मुझे लगता है कि सामान्य कारोबार भी शुरू हो सकते हैं।’
हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि ढील कब से शुरू होगी।