New GST Rules: अगस्त की पहली तारीख (August 1) से जीएसटी के नियमों (GST new rules) में कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं। जीएसटी गाइडलाइन्स के अनुसार, पांच करोड़ से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों को ई-इनवॉइस यानी ई-चालान जनरेट करना अनिवार्य होगा।
बता दें कि अभी तक 10 करोड़ या उससे अधिक के B2B लेनदेन मूल्य वाली कंपनियों को ही ई-चालान निकालना होता था। लेकिन अब 1 अगस्त से यह नियम बदल जाएगा।
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28 जुलाई को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (CBIC) ने ट्वीट कर GST नियम में बदलाव की जानकारी दी। CBIC ने कहा कि जीएसटी टैक्सपेयर्स जिनका टर्नओवर किसी भी वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें 1 अगस्त 2023 से वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की बी2बी आपूर्ति या निर्यात के लिए अनिवार्य रूप से ई-चालान का उत्पादन करना होगा।
Attention GST Taxpayers whose Aggregate Annual Turnover exceeds ₹5 Crore in any Financial Year pic.twitter.com/GI8X7jsphO
— CBIC (@cbic_india) July 28, 2023
वित्त मंत्रालय ने 10 मई को जीएसटी नियम में बदलाव (GST Rules) को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान निकालने की सीमा को 10 करोड़ रुपये से घटाकर पांच करोड़ रुपये करने का ऐलान किया था। इस कदम से जीएसटी के तहत संग्रह और अनुपालन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि ई-चालान नियम में बदलाव और कम टर्नओवर वाली कंपनियों को शामिल करने से एमएसएमई (MSME) इकाइयों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, डेलॉयट इंडिया के पार्टनर लीडर इनडायरेक्ट टैक्स महेश जयसिंग (Deloitte India Partner Leader Indirect Tax Mahesh Jaising) ने कहा कि इस घोषणा के साथ, ई-चालान के तहत एमएसएमई का दायरा बढ़ाया जाएगा और उन्हें ई-चालान लागू करने की आवश्यकता होगी।
एक अन्य विशेषज्ञ, एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन (AMRG & Associates Senior Partner Rajat Mohan) ने कहा कि ई-चालान के चरणबद्ध कार्यान्वयन से व्यवधानों को कम करने, अनुपालन में सुधार और राजस्व में वृद्धि में मदद मिली है।
बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान जारी करने की सीमा को ₹10 करोड़ से घटाकर ₹5 करोड़ करने से जीएसटी विभाग को राजस्व बढ़ाने और टैक्स चोरी को रोकने में भी मदद मिलेगी।
इसके अलावा, सरकार ने जोखिम भरे जीएसटी करदाताओं की पहचान करने और उन पर नज़र रखने के लिए मजबूत डेटा एनालिटिक्स और AI (artifical intelligence) का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है।
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