अर्थव्यवस्था

GST परिषद ने स्वास्थ्य, जीवन बीमा पर टैक्स रेट के रिव्यू के लिए किया मंत्री समूह का गठन, इन राज्यों से होंगे 13 सदस्य

जीएसटी परिषद सचिवालय द्वारा जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीओएम के गठन पर जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, “जीओएम को 30 अक्टूबर, 2024 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।”

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भाषा   
Last Updated- September 15, 2024 | 7:51 PM IST

जीएसटी परिषद ने रविवार को विभिन्न स्वास्थ्य और जीवन बीमा उत्पादों के प्रीमियम पर जीएसटी दर का सुझाव देने और 30 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए 13 सदस्यीय मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मंत्री समूह के संयोजक हैं। इस समूह के सदस्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के सदस्य शामिल हैं।

नौ सितंबर को हुई जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में जीवन और चिकित्सा बीमा पर जीएसटी के मौजूदा कर ढांचे की जांच और समीक्षा के लिए एक मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया गया। बीमा प्रीमियम पर कराधान के बारे में परिषद द्वारा अंतिम फैसला नवंबर में होने वाली अगली बैठक में मंत्री समूह की रिपोर्ट के आधार पर लिए जाने की संभावना है।

वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाता है। पैनल के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) में वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग, मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित स्वास्थ्य/चिकित्सा बीमा की कर दर का सुझाव देना भी शामिल है। साथ ही, टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं के साथ जीवन बीमा (चाहे व्यक्तिगत हो या समूह) और पुनर्बीमा सहित जीवन बीमा पर कर दरों का सुझाव देना भी शामिल है।

जीएसटी परिषद सचिवालय द्वारा जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीओएम के गठन पर जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, “जीओएम को 30 अक्टूबर, 2024 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।”

पश्चिम बंगाल सहित कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की थी, जबकि कुछ अन्य राज्य कर को घटाकर पांच प्रतिशत करने के पक्ष में थे। यहां तक ​​कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि “जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।”

First Published : September 15, 2024 | 7:51 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)