अर्थव्यवस्था

GST Collection: शुद्ध जीएसटी संग्रह 3.3 % बढ़ा

दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन 1.54 लाख करोड़, रिफंड में उछाल ने बढ़ाई दिलचस्पी!

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मोनिका यादव   
Last Updated- January 01, 2025 | 10:32 PM IST

कर रिफंड में इजाफे के बीच दिसंबर 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का शुद्ध संग्रह साल भर पहले के मुकाबले 3.3 फीसदी की मामूली वृद्धि के साथ 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार द्वारा आज जारी अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल नवंबर की तुलना में दिसंबर का संग्रह कम रहा है। नवंबर में 11.1 फीसदी इजाफे के साथ 1.63 लाख करोड़ रुपये जीएसटी इकट्ठा हुआ था।

पिछले महीने रिफंड घटाने से पहले 1.76 लाख करोड़ रुपये जीएसटी जुटा था, जो दिसंबर 2023 के मुकाबले 7.3 फीसदी ज्यादा था। दिसंबर में घरेलू रिफंड 31 फीसदी बढ़ा और आयात रिफंड 64.5 फीसदी अधिक रहा। इस तरह कुल रिफंड की रकम 45.3 फीसदी बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये रही। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच कुल रिफंड 13.5 फीसदी बढ़कर 1.88 लाख करोड़ रुपये हो गया।

अप्रैल से दिसंबर तक कुल जीएसटी संग्रह में वृद्धि 9.1 फीसदी रही जो अप्रैल से अगस्त में दर्ज 10.1 फीसदी इजाफे से कम है। ध्यान रहे कि दिसंबर के आंकड़े नवंबर में हुए वस्तु और सेवा सौदों के लिए होते हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर प्रतीक जैन के मुताबिक दिसंबर 2024 तक देसी बिक्री के लिए जीएसटी संग्रह 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ा मगर आयात के लिए इसमें केवल 2 फीसदी वृद्धि हुई। साथ ही निर्यात से जुड़े रिफंड की मात्रा भी काफी बढ़ गई। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार खपत को बढ़ावा देने के लिए अगले बजट में क्या करेगी।

जीएसटी संग्रह में कुल वृद्धि बेशक शानदार नहीं रही मगर कुछ राज्यों में वृद्धि दर दो अंकों में रही। जम्मू-कश्मीर में 11 फीसदी, पंजाब में 22 फीसदी, हिमाचल प्रदेश में 10 फीसदी, सिक्किम में 30 फीसदी, हरियाणा में 28 फीसदी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 72 फीसदी ज्यादा जीएसटी इकट्ठा हुआ। मगर चंडीगढ़, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, लक्षद्वीप जैसे राज्यों में साल भर पहले से कम जीएसटी जुटा, जो चिंता की बात है।

ईवाई इंडिया के पार्टनर (कर) सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘सरकार निर्यात के लिए ज्यादा जीएसटी रिफंड कर रही है। इससे पता चलता है कि दूसरे देशों को ज्यादा वस्तुएं और सेवाएं बेची जा रही हैं। आयात पर जीएसटी संग्रह में कम इजाफा रहा, जिसकी एक वजह डॉलर का मजबूत होना भी है।’

 

First Published : January 1, 2025 | 10:32 PM IST