अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर कुल 50% शुल्क लगाने के एक दिन बाद, भारत सरकार ने निर्यातकों को समर्थन देने के लिए “एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन” की शुरुआत को तेजी से लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि निर्यातकों ने सरकार से तरलता (लिक्विडिटी) के मोर्चे पर मदद मांगी है, और इस संबंध में सभी मुद्दे सरकार के विचाराधीन हैं।
अधिकारी ने कहा, “निर्यात में विविधता (Diversification), नए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स, एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की शुरुआत और घरेलू बाजार का विस्तार — ये सभी उपाय अमेरिकी शुल्क के प्रभाव से भारतीय निर्यातकों को राहत देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को निर्यातकों की समस्याओं की पूरी जानकारी है और “सरकार निर्यातकों की समस्याओं को लेकर गंभीर है और राहत पहुंचाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास जारी हैं।” अधिकारी ने कहा कि निर्यात में विविधता लाने से भारतीय निर्यातक व्यापार की निरंतरता बनाए रख पाएंगे और दीर्घकालिक स्थिरता मिलेगी।
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) को लेकर अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष जल्द ही बातचीत की मेज पर लौटेंगे।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “अगले दौर की बातचीत की तारीखें अब तक तय नहीं हुई हैं।”
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिकी शुल्क ने भारतीय वस्त्र, रत्न और चमड़ा उद्योग को भारी चुनौती दी है। सरकार का फोकस अब निर्यातकों को राहत देने, नए बाजारों की खोज, और नीतिगत समर्थन देने पर है ताकि भारत का निर्यात क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ सके।