वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में फ्लेक्सी स्टॉफिंग उद्योग में नया रोजगार सृजन गिरकर 3.8 प्रतिशत (तिमाही आधार पर) हो गया जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह दर 6 प्रतिशत थी। इंडियन स्टॉफिंग फेडरेशन (ISF) ने सोमवार को जारी फ्लेक्सी स्टॉफिंग उद्योग की तिमाही रिपोर्ट में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (IT) में रोजगार घटने के कारण फ्लेक्सी स्टॉफिंग में गिरावट आई।
शीषर्क रिपोर्ट ‘फ्लेक्सी स्टॉफिंग इंडस्ट्री स्टॉफिंग’ में विभिन्न क्षेत्रों में चुनिंदा कार्यों के लिए अल्पावधि की नौकरी पर रखने के रुझान की समीक्षा की गई। ISF प्रमुख क्षेत्रों की औपचारिक स्टॉफिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इन क्षेत्रों में ई-कॉमर्स, रिटेल, तेजी से बढ़ने वाले उपभोक्ता सामान, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण, आतिथ्य, पर्यटन, विमानन और ऊर्जा शामिल हैं।
IT क्षेत्र की स्टॉफिंग में 2023-24 की तीसरी तिमाही (Q3FY24) में 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई जबकि इसमें दूसरी तिमाही (Q2FY24) यह दर 1.5 प्रतिशत थी। ISF के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने बताया कि हाल के समय में IT और ITES उद्योग में विशेषतौर पर आईटी सेवाओं के क्षेत्र में सुस्त नियुक्तियां हुईं।
उन्होंने कहा, ‘GCC और गैर IT कंपनियों का आईटी विभाग नए श्रमबल को जोड़ रहा है और इसमें ISF कंपनियों की स्टॉफिंग भी शामिल है। ऐसा लगता है कि इन सेवाओं में इतना विस्तार नहीं हुआ कि वे IT सेवाओं में आई गिरावट की भरपाई कर पाते। लिहाजा इस तिमाही में स्टॉफिंग रोजगार के शुद्ध इजाफे में गिरावट नजर आई। दरअसल, IT सेवाएं अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं, भूराजनीतिक प्रभाव और ग्राहकों व आईटी सेवाओं के मार्जिन दबाव के कारण प्रभावित हुई हैं।’
दूसरी तरफ अन्य क्षेत्रों में स्टॉफिंग दूसरी तिमाही के 3.8 (तिमाही आधार पर) प्रतिशत से बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई। दरअसल, अन्य क्षेत्रों में ई-कॉमर्स, खुदरा, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण, FMCG, आतिथ्य, पर्यटन व विमानन आदि के रोजगार में इजाफा हुआ।
ISF के 100 से अधिक सदस्य हैं। ये सदस्य फ्लेक्सी स्टॉफिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ISF मान्यता प्राप्त रोजगार के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है। इससे अस्थायी श्रम बल को काम करने की पसंद और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलता है। भारत के कुल श्रम बल में अस्थायी श्रमबल खासी हिस्सेदारी निभाता है।