रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने सोमवार को भारत के मिड टर्म ग्रोथ अनुमान को 0.7 फीसदी बढ़ाकर 6.2 फीसदी कर दिया। इससे पहले ग्लोबल एजेंसी का अनुमान 5.5 प्रतिशत का था।
वहीं, इसने 10 उभरते देशों के ग्रोथ अनुमान को पहले के 4.3 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। इसके लिए फिच ने चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया है।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि “यह कमी मुख्य रूप से चीन की सप्लाई-साइड ग्रोथ पोटेंशियल के अनुमान में 0.7 प्रतिशत अंक की बड़ी कमी के कारण आई है।” चीन के मिड टर्म ग्रोथ अनुमान को 5.3 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया गया है।
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भारत का ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाया
फिच ने रिपोर्ट में कहा, “हमने भारत और मैक्सिको को बड़े पैमाने पर अपग्रेड किया है। भारत के ग्रोथ अनुमान को 5.5 प्रतिशत से बढाकर 6.2 प्रतिशत जबकि मेक्सिको के ग्रोथ अनुमान को 1.4 प्रतिशत से बढाकर 2 प्रतिशत किया गया है।
फिच ने कहा है कि 2023-24 के लिए भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
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रूस, कोरिया, दक्षिण अफ्रीका के अनुमान में गिरावट
रूस के लिए ग्रोथ अनुमान 1.6 प्रतिशत से घटाकर 0.8 प्रतिशत, कोरिया के लिए 2.3 प्रतिशत से घटाकर 2.1 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका के लिए 1.2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है।
एजेंसी ने यह भी कहा कि लेटेस्ट अनुमान ब्राजील और पोलैंड को छोड़कर सभी टॉप 10 उभरते बाजारों (ईएम10) के लिए उसके प्री-पैंडेमिक पोटेंशियल ग्रोथ अनुमानों से नीचे हैं।
फिच ने कहा कि ईएम10 के ग्रोथ अनुमान को 4.3 फीसदी से कम करके अब 4 फीसदी कर दिया गया है।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी के अनुसार, इसका कारण चीन का कम पोटेंशियल ग्रोथ अनुमान है। बता दें कि 10 उभरते बाजारों में चीन का वेटेज 57 प्रतिशत है। अगर ईएम10 से चीन को बाहर कर दिया जाए, तो बाकी के 9 उभरते बाजारों के लिए जीडीपी वेटेज औसत 3.2 फीसदी हो सकती है जबकि पहले इसके 3 फीसदी पर रहने का अनुमान था।