वित्त मंत्रालय को मजबूत वृद्धि और बृहद आर्थिक स्थिरता के साथ वित्त वर्ष के समापन का अनुमान है। हालांकि मंत्रालय ने मौद्रिक नीति के असर से मांग प्रभावित होने, ज्यादा महंगाई दर और बाहरी वित्तीय जोखिमों को लेकर चिंता भी जताई है। सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में लगाए गए घाटे के लक्ष्य को हासिल करने लेने का भी भरोसा है।
भारत ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े 30 नवंबर को आ सकते हैं। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तमाही में भारत की सकल जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत थी, जो अनुमान से अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर की अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा है कि बढ़ी इनपुट लागत के बावजूद सरकार की ओर से निवेश को लगातार बल देने, कंपनियों के बेहतर मुनाफे और बैंकों के फंसे कर्ज में कमी की वजह से निवेश मजबूत बना रह सकता है।
मासिक समीक्षा में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में अब तक भारत की वृद्धि में निजी अंतिम खपत व्यय की अहम भूमिका रही है।
इसमें कहा गया है कि त्योहार के मौसम में खपत मांग और मजबूत होगी। समीक्षा के मुताबिक ‘मजबूत खपत के बारे में डिजिटल आंकड़े भी संकेत दे रहे हैं। यूपीआई से लेन देन अक्टूबर 2023 में 11 अरब के आंकड़े को पार कर गया है।’