साल 2020 के आखिरी महीने में निर्यात कुछ उम्मीदें देकर गया है। दिसंबर में निर्यात में 0.14 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है, जो पूरा साल में तीसरा महीना है, जब निर्यात में विस्तार हुआ है।
दवाओं एवं औषधियों, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न एवं आभूषण के निर्यात में सुधार की वजह से दिसंबर में 27.15 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है, जो पिछले साल की समान अवधि मेंहुए 17.11 अरब डॉलर की तुलना में सिर्फ 4 करोड़ डॉलर ज्यादा है। तेल के निर्यात में गिरावट जारी है और यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दिसंबर में 35.35 प्रतिशत कम हुआ है।
इक्रा में प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘रुक-रुककर उतार चढ़ाव हो सकता है, लेकिन हमें उम्मीद है कि निर्यात के प्रदर्शन में आने वाले महीनों में सुधार होगा क्योंकि बड़े व्यापारिक साझेदार देशों में कोविड के लिए टीकाकरण शुरू हो चुका है।’
अगर तेल और रत्न एवं आभूषण को निर्यात बास्केट से निकाल दें तो दिसंबर में निर्यात 5.50 प्रतिशत बढ़कर 33.33 अरब डॉलर हो गया है, जो दिसंबर 2019 में 21.6 अरब डॉलर था।
एग्जिम बैंक के प्रह्लादन अय्यर का कहना है कि इससे संकेत मिलता है कि देश में विनिर्माण गतिविधियां तेज हो रही हैं। निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि नया साल 2021 सभी के लिए उम्मीदों की किरण लेकर आया है कि कोविड-19 का सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है और प्रभावी टीकाकरण से जिंदगी और अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी और वी आकार की रिकवरी होगी।
कोविड-19 के बाद पहली बार आयात धनात्मक क्षेत्र में गया है। यह दिसंबर में 7.56 प्रतिशत बढ़कर 42.59 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 39.59 अरब डॉलर था। व्यापार घाटा दिसंबर में बढ़कर 24 महीने के उच्च स्तर 15.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो नवंबर में 9.87 अरब डॉलर था। गैर तेल और गैर स्वर्ण का आयात दिसंबर में करीब 8 प्रतिशत बढ़कर 28.52 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल के समान महीने में 26.41 अरब डॉलर था। इस श्रेणी के आयात में पूरे 2020 में गिरावट आई थी।
