अर्थव्यवस्था

निर्यात घटा, व्यापार घाटा 10 माह में सबसे अधिक; चीन में नरमी, पेट्रोलियम के दाम घटने जैसी वजहों से हालात चुनौतीपूर्ण

पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषणों को हटा दें तो अगस्त में निर्यात 2.4% बढ़कर 26.76 अरब डॉलर रहा। इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 4.36%, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का 7.85% बढ़ा।

Published by
श्रेया नंदी   
Last Updated- September 17, 2024 | 10:18 PM IST

अगस्त में आयात बढ़ने और निर्यात में कमी आने से देश का व्यापार घाटा 29.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले 10 महीने में सबसे बड़ा आंकड़ा है। सोने का आयात दोगुना होने से अगस्त में वस्तु आयात भी 64.4 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर चला गया। मगर निर्यात लगातार दूसरे महीने कम होकर 34.7 अरब डॉलर रहा। चीन में नरमी, पेट्रोलियम के दाम घटने, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी और परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियों के कारण निर्यात प्रभावित हुआ है।

वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने आज कहा, ‘मौजूदा वैश्विक हालात में निर्यात बड़ी चुनौती बन गया है। चीन में नरमी है और यूरोप तथा अमेरिका में मंदी का दबाव दिख रहा है। जहाजों को स्वेज नहर से केप ऑफ गुड होप के रास्ते भेजने पर ढुलाई भी महंगी हो गई है।’

त्योहारों से पहले स्टॉक जमा करने के कारण जुलाई में सोने पर आयात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी किए जाने के कारण अगस्त में सोने का आयात कुल 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिससे कुल वस्तु आयात में 3 फीसदी इजाफा हो गया। उधर पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 37.5 फीसदी घटकर 595 अरब डॉलर रहा। रत्न एवं आभूषणों का निर्यात भी 23 फीसदी घटकर 1.9 अरब डॉलर रह गया।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘अगस्त में व्यापार घाटा अप्रत्याशित तरीके से बढ़ा है। इसलिए हमें लगता है कि इस तिमाही में चालू खाते का घाटा भी बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.5 से 2 फीसदी हो सकता है।’

पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषणों को हटा दें तो अगस्त में निर्यात 2.4 फीसदी बढ़कर 26.76 अरब डॉलर रहा। इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 4.36 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का 7.85 फीसदी, दवा और फार्मास्युटिकल का 4.67 फीसदी तथा टेक्सटाइल का निर्यात 11.88 फीसदी बढ़ा। आंकड़ों के अनुसार सोने के अलावा कोयला, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और अलौह धातुओं का आयात बढ़ा है। पेट्रोलियम का आयात करीब एक-तिहाई घटकर 11 अरब डॉलर रहा।

बड़थ्वाल के अनुसार भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए व्यापार घाटा बढ़ना चिंता का विषय नहीं है। निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बाधा और कच्चे तेल तथा धातु की कीमतों में गिरावट से निर्यात मूल्य में कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माल भाड़ा तेजी से बढ़ने के कारण निर्यात में मुनाफा कम हो गया है। इसलिए कुछ निर्यातक अपना माल देसी बाजार में बेच रहे हैं। यदि ढुलाई की समय सारणई नहीं बिगड़ती और जिंसों के भाव नहीं गिरते तो वस्तु निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई होती।’

अगस्त में सेवाओं का निर्यात 6.9 फीसदी बढ़कर 30.69 अरब डॉलर रहा जबकि इसका आयात 4 फीसदी बढ़कर 15.7 अरब डॉलर रहा। इससे सेवा व्यापार के मामले में भारत 14.9 अरब डॉलर के अधिशेष में है। सेवाओं के आंकड़े अनुमानित हैं और अंतिम आंकड़े रिजर्व बैंक जारी करेगा।

First Published : September 17, 2024 | 10:12 PM IST