भारत का निर्यात फरवरी में 20 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। प्रमुख निर्यात गंतव्यों जैसे अमेरिका, यूएई, सिंगापुर व दक्षिण अफ्रीका को निर्यात बढ़ने के कारण निर्यात में दो अंकों की वृद्धि हुई।
वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद बीते वर्ष दिसंबर से लगातार तीन महीनों तक निर्यात में इजाफा हुआ। हालांकि वर्ष 2023 की ज्यादातर अवधि में वस्तु निर्यात वृद्धि ऋणात्मक दायरे में थी। फिच रेटिंग्स ने बीते सप्ताह वैश्विक वृद्धि के अनुमान को 30 आधार अंक बढ़ाकर 2.4 फीसदी कर दिया है। अल्पावधि में विश्व में वृद्धि के बेहतर रुझान का अनुमान जताया गया है। अमेरिका में वृद्धि के अनुमान को इस कैलेंडर वर्ष में बढ़ाकर 2.1 फीसदी कर दिया गया है जबकि यह पहले 1.2 फीसदी अनुमानित था।
फिच रेटिंग्स ने कहा, ‘वर्ष 2023 में अमेरिकी राजकोषीय घाटे में अभूतपूर्व चक्रीय वृद्धि ने घरेलू मांग को बढ़ावा दिया और जीडीपी वृद्धि को मजूबत ढंग से आगे बढ़ने में मदद की। हालांकि अनुमान यह है कि राजकोषीय प्रभाव इस वर्ष कम हो सकता है और घरेलू आमदनी में वृद्धि कम होगी। वास्तविक रूप में ब्याज दरों की वृद्धि के कारण बीते वर्ष सख्त मौद्रिक नीति का प्रभाव इस वर्ष कम हो रहा है। उम्मीद यह जताई जा रही है कि तिमाही दर तिमाही वृद्धि इस वर्ष के अंत तक वृद्धि पर्याप्त कम हो जाएगी।’
भारत के लिए निर्यात का सबसे शीर्ष गंतव्य अमेरिका रहा। भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात फरवरी में 22 फीसदी बढ़कर 7.2 अरब डॉलर हो गया। जनवरी में अमेरिका को सर्वाधिक निर्यात किए जाने वाला उत्पाद स्मार्टफोन (53 करोड़ डॉलर) हो गया और इसने पहले स्थान पर रहने वाले पॉलिश्ड हीरे (38 करोड़ डॉलर) का स्थान ले लिया है।
इससे अप्रैल से जनवरी की अवधि के दौरान भारत से स्मार्टफोन के निर्यात का शीर्ष गंतव्य यूएई की जगह अमेरिका हो गया। इस अवधि में अमेरिका को कुल 4.1 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात हुआ जबकि यूएई को 2.2 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात हुआ। स्मार्टफोन सहित इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्यात फरवरी में 54.8 फीसदी बढ़ गया और इसमें लगातार वृद्धि नजर आ रही है।
फरवरी में यूएई को भेजे जाने वाली निर्यात की खेप 23.1 फीसी बढ़कर 3.5 अरब डॉलर हो गई और यह दूसरे नंबर पर निर्यात का गंतव्य रहा। यूएई को होने वाले निर्यात में गैरजड़ित सोना (31.7 करोड़ डॉलर), स्मार्टफोन (23.7 करोड़ डॉलर) और वाहन के ईंधन (24.3 करोड़ डॉलर) की प्रमुख हिस्सेदारी थी।फरवरी में सिंगापुर को होने वाला निर्यात 51.6 फीसदी बढ़कर 1.85 अरब डॉलर हो गया। अप्रैल – फरवरी की अवधि में भारत के निर्यात का पांचवां सबसे बड़ा गंतव्य सिंगापुर बना हुआ था जबकि यह फरवरी में सुधरकर चौथे स्थान पर आ गया था।
आधार कम होने के कारण दक्षिण अफ्रीका का निर्यात दोगुना हो गया। दक्षिण अफ्रीका को 1.16 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। अप्रैल-फरवरी की समन्वित अवधि में भारत के निर्यात गंतव्यों में दक्षिण अफ्रीका का स्थान उछलकर 10वां हो गया जबकि बीते साल की इसी अवधि में यह 16वें स्थान पर था।
भारत से दक्षिण अफ्रीका को सर्वाधिक निर्यात पेट्रोलियम उत्पादों का हुआ। पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों का कम निर्यात हुआ था लेकिन अक्टूबर के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में निरंतर वृद्धि जारी है। भारत से दक्षिण अफ्रीका को होने वाले ऐसे उत्पादों का निर्यात 89 फीसदी बढ़कर 21.9 करोड़ डॉलर हो गया।
फरवरी में शीर्ष के अन्य निर्यात गंतव्यों में सऊदी अरब (50 फीसदी), नीदरलैंड (26.7 फीसदी), ब्रिटेन (31.9 फीसदी), व ग्लादेश (18.1 फीसदी) और चीन (13.3 फीसदी) में निर्यात बढ़ा। इससे इस माह में भारत के निर्यात में दो अंकों की वृद्धि हुई। हालांकि इस अवधि के दौरान हॉन्गकॉन्ग को निर्यात 27.9 फीसदी गिर गया।