अर्थव्यवस्था

G20 घोषणा से MSME सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद: विशेषज्ञ

नई दिल्ली घोषणा में कहा गया है, ‘हम भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान Start-up 20 Engagement Group की स्थापना और इसके जारी रहने का स्वागत करते हैं

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भाषा   
Last Updated- September 24, 2023 | 10:48 PM IST

भारत की अध्यक्षता में G20 देशों की घोषणा से उम्मीद है कि नियामकीय प्रक्रिया को सरल बनाकर सूक्ष्म, लघु एव मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने यह राय देते हुए कहा कि इससे छोटे और मझोले उद्योगों को सस्ती पूंजी तक पहुंच मिलेगी।

MSME से पैदा होंगे रोजगार

विशेषज्ञों ने कहा कि MSME के संबंध में G20 की नई दिल्ली घोषणा में की गई प्रतिबद्धताओं का सदस्य देशों को पालन करना चाहिए, क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार पैदा करने और सतत वृद्धि को बढ़ावा देने की क्षमता है।

इस महीने की शुरुआत में अपनाई गई नई दिल्ली घोषणा में कहा गया है कि G20 मानता है कि स्टार्टअप और MSME वृद्धि के स्वाभाविक इंजन हैं। वे इनोवेशन को बढ़ावा देकर और रोजगार पैदा करके सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की कुंजी बन सकते हैं।

घोषणा में कहा गया है, ‘हम भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान स्टार्टअप 20 इंगेजमेंट ग्रुप (Start-up 20 Engagement Group ) की स्थापना और इसके जारी रहने का स्वागत करते हैं।’

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) दिल्ली राज्य परिषद के चेयरमैन और सैमटेल एवियोनिक्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक तथा सीईओ पुनीत कौरा ने कहा कि MSME को दुनियाभर में महत्वपूर्ण माना जाता है।

नई दिल्ली घोषणापत्र अहम

G20 घोषणा ने एक बार फिर इस क्षेत्र के लिए सरकारों की वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता की जरूरत को रेखांकित किया है। उन्होंने आगे कहा, ‘ये वादे कागज पर नहीं रहने चाहिए, बल्कि जमीन पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण रोजगार पैदा करने की अपार संभावनाएं हैं।’

द डिस्पोजल कंपनी (TDC) की CEO भाग्यश्री भंसाली ने कहा कि स्टार्टअप और एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए सरकार को नियामकीय प्रक्रियाओं को सरल बनाना चाहिए, किफायती पूंजी तक पहुंच बढ़ानी चाहिए, नवाचार के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए और लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।

आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन के को-फाउंडर दीपक भारद्वाज ने कहा कि प्रत्येक MSME के सामने सबसे बड़ी चुनौती सही समय पर सही मात्रा में वित्त पाने की है। प्रत्येक बैंक अलग-अलग नीतियां अपनाते हैं, जिससे वित्त प्राप्त करने में बाधा पैदा होती है। उन्होंने कहा कि वित्तपोषण के लिए स्पष्ट मानदंड बनाने चाहिए, ताकि प्रत्येक बैंक एक समान मानदंड अपना सके और साथ ही पात्र एमएसएमई को सही मात्रा में वित्त मिल सके।

First Published : September 24, 2023 | 4:56 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)