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‘जीडीपी में 11 प्रतिशत गिरावट का अनुमान’

Last Updated- December 14, 2022 | 11:44 PM IST

कोविड-19 संक्रमण तेज होने की वजह से रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट का अनुमान बढ़ाकर 11 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने पहले 9.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था। इसके साथ ही अब ज्यादातर एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में दो अंकों के संकुचन का अनुमान लगाया है। बहरहाल इक्रा ने दूसरी तिमाही में जीडीपी में 12.4 प्रतिशत गिरावट के पहले के अनुमान को बरकरार रखा है। एजेंसी ने तीसरी तिमाही में गिरावट का अनुमान पहले के 2.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है। वहीं चौथी तिमाही में गिरावट का अनुमान पहले के 1.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की अप्रत्याशित गिरावट आई थी।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, होटल, कम्युनिकेशन और सेवा से जुड़े कारोबार की स्थिति में सुधार होगा, जबकि अर्थव्यवस्था के शेष क्षेत्रों का प्रदर्शन नीचे रहेगा। हमारा मानना है कि इन क्षेत्रों में आधार मूल्य पर सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में  चौथी तिमाही में भी रिकॉर्ड संकुचन आएगा, भले ही आधार का असर पक्ष में है। इसके परिणामस्वरूप कुल जीवीए और जीडीपी में इस तिमाही के दौरान रिकॉर्ड गिरावट आएगी।’  
सरकार द्वारा खर्च बढ़ाने, वैश्विक रिकवरी तेज होने और कोविड-19 के मामलों में कमी आने से यह अनुमान ऊपर की ओर जा सकता है। बहरहाल केंद्र व राज्य सरकारों को राजस्व के संकट की वजह से राजकोषीय मदद की संभावना सीमित है और इससे पूंजीगत व्यय कम होने व तम से भुगतान जारी न होने का डर है। बड़े कारोबारी साझेदार देशों में कोविड-19 की नई लहर के कारण नए सिरे से प्रतिबंध लगने से निकट की अवधि में निर्यात में सुधार सीमित हो सकता है।

First Published - September 28, 2020 | 11:47 PM IST

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