कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सलाहकार समिति ने आज कोष के 15 फीसदी हिस्से को शेयर बाजार में निवेश करने के वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
ईपीएफओ की वित्त एवं निवेश समिति की आज सुबह बैठक हुई थी, जिसमें अपने कोष के 15 फीसदी हिस्से का निवेश सूचीबध्द कंपनियों और म्युचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड योजनाओं में करने के प्रस्ताव को उसने खारिज कर दिया।
ईपीएफओ के पास करीब 1,82 000 करोड़ रुपये हैं। सूत्रों ने कहा कि हाल के दिनों में शेयर बाजारों में आये उतार-चढ़ाव के मद्देनजर समिति वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव खिलाफ थी। वित्त मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में ईपीएफओ को नए निवेश पैटर्न की सलाह दी थी।
जिसके तहत संगठन अपने कोष के 15 फीसदी हिस्से का बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज और सेबी नियमित म्युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्ड योजनाओं में निवेश कर सकती थी। आम तौर पर वित्त एवं निवेश समिति के सुझावों को ईपीएफओ के ट्रस्टीज के केंद्रीय बोर्ड द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है। श्रम मंत्री ईपीएफओ के ट्रस्टीज के केंद्रीय बोर्ड के प्रमुख होते हैं जो ऐसे मामलों में अंतिम रुप से कुछ कहते हैं।
पिछले साल जुलाई में फंड के प्रबंधन के लिए ईपीएफओ द्वारा एचएसबीसी, रिलायंस कैपिटल और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल जैसी निजी कंपनियों को अनुमति दिए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2008 में नए निवेश पैटर्न का सुझाव दिया था। ईपीएफओ ने फंड के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का चयन भी इस उद्देश्य से किया था।
वित्त मंत्रालय चाहता था कि निवेशित फंडों पर अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ शेयर बाजारों में निवेश करे। पिछले साल अप्रैल में जब देश के विभिन्न बैंक 9 प्रतिशत से अधिक ब्याज दरों की पेशकश कर रहे थे वहीं ईपीएफओ साल 2008-09 के लिए 8.5 प्रतिशत के ब्याज की घोषणा करते हुए सकुचा रहा था।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब वित्त एवं निवेश समिति ने वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। साल 2007 में भी वित्त मंत्रालय ने ऐसा ही कुछ सुझाव दिया था जिसमें कहा गया था कि ईफीएफओ को कोष का 10 फीसदी शेयरों में निवेश करना चाहिए। शेयर बाजार की अस्थिरता पर विचार करते हुए ईपीएफओ ने शेयर बाजारों में निवेश नहीं किया।
क्या है मामला
वित्त मंत्रालय ने अगस्त 2008 में नए निवेश पैटर्न का प्रस्ताव रखा था। जिसके तहत ईपीएफओ अपने कोष का 15 फीसदी हिस्से का बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज और सेबी नियमित म्युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्ड योजनाओं में निवेश कर सकती थी।
पिछले साल जुलाई में संगठन ने एसबीआई के साथ-साथ कई निजी बैंकों को फंड के प्रबंधन के लिए चुना था। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने दिया था सुझाव।
साल 2007 में वित्त मंत्रालय ने कोष का 10 फीसदी बाजार में लगाना दिया था सुझाव जो ठुकरा दिया गया।