कॉरपोरेट क्षेत्र की रोजगार वृद्धि गिरकर वित्त वर्ष 23 में 5.5 प्रतिशत हो गई जबकि यह वित्त वर्ष 22 में 6.7 प्रतिशत थी। बैंक ऑफ बड़ौदा की गुरुवार को जारी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 23 में 3.5 लाख लोगों को रोजगार मिला था जबकि वित्त वर्ष 22 में चार लाख लोग रोजगार से लाभान्वित हुए थे।
दूसरी तरफ सालाना वेतन सहित अन्य मदों से प्राप्त होने वाली रकम 10.1 प्रतिशत बढ़कर 12.5 लाख रुपये हो गई। सालाना वेतन व अन्य मदों से प्राप्त होने वाली रकम वित्त वर्ष 22 में 11.32 लाख रुपये थी।
इस रिपोर्ट में 36 क्षेत्रों की 1601 कंपनियों की सालाना रिपोर्ट के आंकड़ों को शामिल किया गया। इन कंपनियों की वित्त वर्ष 23 में कुल बिक्री 97 लाख करोड़ रुपये थी और इन कंपनियों को हर साल कर्मचारियों की संख्या के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होता है।
यह रिपोर्ट बीते चार वर्षों वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 23 के दौरान कर्मचारियों की बढ़ी हुई संख्या के बारे में जानकारी देती है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 22 में कर्मचारियों की संख्या 63.89 लाख थी जो वित्त वर्ष 23 में बढ़कर 67.42 लाख हो गई थी।
रोजगार की कुल हिस्सेदारी में शीर्ष 10 क्षेत्रों की हिस्सेदारी तीन चौथाई थी। इसमें शीर्ष पर सूचना प्रौद्योगिकी (24.4 प्रतिशत), बैंकिंग (18.3 प्रतिशत), स्वास्थ्य देखभाल (6.9 प्रतिशत), कपड़ा (5.5 प्रतिशत) और वित्त (5.1 प्रतिशत) सहित अन्य हैं।
हालांकि वित्त वर्ष 23 में अन्य क्षेत्र जैसे वाहन, पूंजीगत सामान, विनिर्माण, कच्चा तेल, उपभोक्ता सामान, खनन, ऊर्जा, रियल्टी और कपड़ा में गिरावट आई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वित्त वर्ष 19 से वित्त वर्ष 23 के दौरान चार वर्ष की संचयी आधार पर वृद्धि 3.6 प्रतिशत थी। यह सालाना आर्थिक वृद्धि दर 6.5-7 प्रतिशत की संभावित आर्थिक वृद्धि से कम थी। इन चार वर्षों में जीडीपी की औसत वृद्धि 3.6 प्रतिशत थी। हालांकि कोविड और लॉकडाउन के बाद रिकवरी निश्चित रूप से दिख रही है।’