राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा है कि एक स्थिर एवं पारदर्शी कर व्यवस्था मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता और सुनियोजित नीति रही है। पिछली तारीख से लागू होने वाला कर कानून वापस लिए जाने के कुछ दिनों बाद ही राजस्व सचिव का यह बयान आया है। बजाज ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कर राजस्व संग्रह शानदार रहा है लेकिन निजी क्षेत्र से अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए उद्योग जगत को ठोस प्रयास करना चाहिए।
बजाज ने आज सीआईआई के सालाना सत्र में कहा, ‘एक स्थिर एवं पारदर्शी कर प्रणाली बहाल करना सरकार की नीति रही है। वर्ष 2019 से यह बात साफ हो चुकी है। तब हमने कंपनियों के लिए कर घटा दिए थे और 2023 तक स्थापित होने वाली नई इकाइयों के लिए भी कर की दरें कम करेंगे।’ उन्होंने कहा कि इसका मकसद उद्योग जगत के लिए एक स्थिर कर प्रणाली तैयार करनी है। बजाज ने कहा, ‘इससे उद्योग जगत के लिए यह तय करना आसान हो जाएगा कि वह निवेश करना चाहते हैं या नहीं और अगर चाहते हैं तो कहां करना चाहते हैं और कि तरह करना चाहते हैं।’
राजस्व सचिव ने उद्योग जगत से निवेश, विनिर्माण और सेवाएं शुरू करने में आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को किसी चीज की जरूरत है तो उेस सरकार को यह बात बेहिचक बतानी चाहिए। सरकार ने पिछले सप्ताह कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया था। इस संशोधन के बाद 2012 में अस्तित्व में आया पिछली तारीख से लागू होने वाला कर प्रावधान समाप्त हो गया है। कुछ वस्तओं पर वस्तु एवं सेवा (जीएसटी) घटाने की उद्योग जगत की मांग पर बजाज ने कहा कि जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठकों में कर घटाने, कुछ वस्तुओं को कर छूट श्रेणी से बाहर करने और इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर दुरस्त करने के तरीकों पर विचार करेगी।