Revenue Secretary Sanjay Malhotra
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बुधवार को अधिकारियों से कहा कि वे तस्करी रैकेट चलाने वाले सरगनाओं को जरूर पकड़ें लेकिन वाणिज्यिक धोखाधड़ी के मामलों में बड़े पैमाने पर नोटिस जारी करने से पहले अर्थव्यवस्था के हितों का भी ख्याल रखें।
मल्होत्रा ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 67वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा, ‘हम केवल राजस्व जुटाने के लिए नहीं बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए हैं। इसलिए थोड़ा राजस्व हासिल करने की प्रक्रिया में, अगर पूरे उद्योग या देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है तो निश्चित रूप से हमारा ऐसा इरादा नहीं होना चाहिए। राजस्व तभी मिलता है, जब कुछ आमदनी होती है ऐसे में हमें बेहद सावधानी बरतनी होगी ताकि हम इस प्रक्रिया में अपना ही नुकसान न कर बैठें, जैसा कि एक कहावत है कि ‘सोने की अंडे देने वाली मुर्गी को ही न मार दें।’
मल्होत्रा ने कहा कि विभाग के लिए तकनीकी बदलावों के अनुकूल होने के लिए कौशल और मानव संसाधन को अद्यतन करना महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को बड़ी मछलियों और सरगनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए और तस्करी संचालन के सिंडिकेटों का भंडाफोड़ करना चाहिए।’ हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अधिकारियों को संभावित वाणिज्यिक धोखाधड़ी के मामलों में शामिल व्यापारियों या कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते समय बेहद सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने कहा, ‘उद्योग में जैसा कि बड़े पैमाने पर देखा गया है कि कुछ वस्तुओं पर कर मांग और वर्गीकरण के विवादों की प्रकृति थोड़ी तकनीकी हो सकती जिससे शायद अधिक तादाद में नोटिस जारी हो सकते हैं।’
डीआरआई का रिपोर्ट कार्ड
बुधवार को डीआरआई ने ‘भारत में तस्करी’शीर्षक वाली एक रिपोर्ट जारी की जिसके मुताबिक भारत ने वित्त वर्ष 2024 में 4,869.6 किलोग्राम तस्करी किए गए सोने को जब्त किया। तस्कर विशेषरूप से पूर्वोत्तर सहित उन सीमाओं का फायदा उठाते हैं जहां से तस्करी करना आसान होता है और इसके अलावा बड़े घरेलू मांग को देखते हुए वे ऐसा करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अवैध रूप से सोना आयात के लिए एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है और सोना तथा चांदी मुख्य तौर पर खाड़ी देशों जैसे कि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों से आते हैं जहां ये मूल्यवान धातु कम कीमतों पर उपलब्ध हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वित्त वर्ष 2024 में डीआरआई ने 5908 करोड़ रुपये के आयात फर्जीवाड़े की पहचान की है। अवैध सोने की तस्करी के लिए म्यांमार सीमा सबसे सक्रिय मार्ग माना जाता है।