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देश से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) राजस्व विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके तहत देशभर में निर्दिष्ट ई-कॉमर्स केंद्र स्थापित किए जाएंगे जिससे ऑनलाइन निर्यात की प्रक्रिया को सुसंगत बनाया जा सकेगा।
उद्योग सूत्रों के अनुसार, फिलहाल देश का ई-कॉमर्स निर्यात दो अरब डॉलर है, जबकि चीन का निर्यात 350 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक सहयोगी ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करके इस अंतर को पाटना है।
विदेश व्यापार महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “इस संबंध में बहुत चीजें सुव्यवस्थित करने की जरूरत है। हम राजस्व विभाग के साथ मिलकर ई-कॉमर्स केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहे हैं, ताकि माल की खेप को मंजूरी में तेजी लाई जा सके।’’
उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में समर्पित सीमा शुल्क और सुरक्षा जांच जैसी सुविधाएं होंगी, जिससे पहले से मंजूरी प्राप्त पार्सल को हवाई अड्डों पर ‘ग्रीन चैनल’ के माध्यम से आगे बढ़ाया जा सकेगा और आगे इनकी जांच की जरूरत नहीं होगी।
सारंगी ने कहा कि यह दृष्टिकोण अन्य देशों में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने बताया कि ई-कॉमर्स केंद्र का निर्माण और रखरखाव निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा, जबकि सरकार सुरक्षा और सीमा शुल्क मंजूरी का काम देखेगी।