भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि बैंक पर सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी है। इसमें अर्थव्यवस्था को कम कार्बन उत्सर्जन की ओर लेकर जाना है। हरित परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने वाले वित्तीय उत्पाद तैयार करने में भी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
राव ने त्रिशूर मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए वित्त मुहैया करवाना उभरता हुआ क्षेत्र है और इस पर ध्यान केंद्रित किए जाए।
उन्होंने कहा कि हम सभी को जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव की वैश्विक चुनौतियों की जानकारी है। पूरी दुनिया इस पर ध्यान दे रही है। यदि हमने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो इसके प्रभाव को बदला नहीं जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार 2030 तक कुल कार्बन उत्सर्जन एक लाख टन करने के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा 2030 तक कार्बन का उत्सर्जन 45 फीसदी से अधिक कम करना होगा और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करना है।