भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर बुलेटिन में जारी आंकड़ों में कहा है कि देश में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में कमी आई है। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान शुद्ध एफडीआई घटकर 2.1 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 7.7 अरब डॉलर था। इसकी मुख्य वजह प्रत्यावर्तन और विदेश गया एफडीआई है।
भारत में एफडीआई में कमी अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं की धारणा के अनुकूल है, जिसमें मेक्सिको, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड के साथ अन्य देश शामिल हैं।
दिसंबर के बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल- नवंबर अवधि के दौरान प्रत्यावर्तन बढ़कर 34.1 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 26.4 अरब डॉलर था। विदेश गई शुद्ध एफडीआई बढ़कर 12.4 अरब डॉलर हो गई, जो 8 अरब डॉलर थी।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान सकल एफडीआई की आवक बढ़कर 48.6 अरब हो गई, जो एक साल पहले 42.1 अरब डॉलर थी। साथ ही 60 प्रतिशत से ज्यादा सकल एफडीआई आवक विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं, बिजली और अन्य ऊर्जा और रिटेल व थोक व्यापार क्षेत्र में हुई है।