‘कीमतें घटाइए.. मैं हूं न’

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 4:05 AM IST

मंदी के महासंग्राम से जूझने के लिए मांग बढ़ाने और महंगाई से लोगों को निजात दिलाने के लिए सरकार ने मंगलवार को उद्योग जगत से कीमतें घटाने की गुजारिश की।


भारत आर्थिक सम्मेलन में किए संबोधन में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गाड़ी, मकान-दुकान व ऑफिस स्पेस तथा विमान व होटल किराया घटाने की मांग उठाई। उन्होंने संबधित क्षेत्रों की कंपनियों से कीमतों में कटौती करने का अनुरोध करते हुए कहा- होटल, एयरलाइनों को कीमतों में कटौती करनी चाहिए।

रियल एस्टेट कंपनियों को अपार्टमेंट की बिक्री कीमतें घटानी चाहिए। कार एवं दोपहिया वाहन विनिर्माताओं को भी कीमतों में कटौती करनी चाहिए। उद्योग जगत की मदद के लिए उन क्षेत्रों में उत्पाद शुल्क दर में कटौती की जाएगी, जो समस्या से जूझ रही हैं।

चिदंबरम ने भरोसा दिलाया- अगर किसी भी क्षेत्र को दिक्कत होती है तो मैं उत्पाद शुल्क दर में कटौती करने संबंधी सुझावों के लिए तैयार हूं। भारत चालू वित्त वर्ष में संतोषजनक विकास दर्ज करेगा और अगले साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर पूर्वस्तर पर वापस लौट आएगी।

कंपनियां बोलीं, न बाबा न

वित्त मंत्री की गुजारिश को उनकी मौजूदगी में ही उद्योग जगत ने ठुकरा दिया। यही नहीं, कीमतें घटाने की बजाय ऑटो कंपनियों और रियल एस्टेट डेवलपरों ने उल्टे सरकार से सस्ता लोन उपलब्ध कराने की ही मांग कर डाली।

बजाज ऑटो के अध्यक्ष राहुल बजाज ने कहा- दोपहिया वाहन उद्योग में केवल चार-पांच फीसदी के करीब मार्जिन है और निकट भविष्य में हमें कीमतों में कटौती की संभावना नहीं दिखती।

उनकी ही तर्ज पर हीरो होंडा मोटर्स के अध्यक्ष बृजमोहन लाल मुंजाल ने कहा- न्यूनतम वेतन बढ़ रहा है, ईंधन और बिजली की लागत बढ़ रही है, ऐसे में हम अपने उत्पादों के दाम कैसे घटा सकते हैं। कीमतों में कमी करने से मांग बढ़ने की भी संभावना नहीं है।

हालांकि निजी कंपनी के उलट उद्योग चैंबरों ने जरूर चिदंबरम को थोड़ा दिलासा देने की कोशिश करी। सीआईआई के अध्यक्ष के.वी. कामत ने कहा- मैं आपको भरोसा दिलाता हूं, आप ज्यादातर उत्पादों में नई कीमतें देखेंगे।

उनके अलावा, एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा- भारतीय कंपनियां वित्त मंत्री की मांग पर सकारात्मक रुख अख्तियार करेंगी।

First Published : November 19, 2008 | 12:14 AM IST