Crypto assets roadmap: जी-20 समूह में शामिल देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) ने भारत की अध्यक्षता में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर प्रस्तावित जी-20 योजना को मंजूरी दे दी। मोरक्को के शहर मराकेश में आज जारी संयुक्त वक्तव्य में विश्व बैंक की ऋण आवंटन क्षमता बढ़ाने और सस्ती पूंजी तलाशने की बात पर सभी सदस्य सहमत हो गए। इसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए निम्न एवं मध्य आय वाले देशों को अधिक वित्तीय मदद देने के इरादे से विश्व बैंक को मजबूत बनाना है।
वित्त मंत्रालय ने माइक्रोसाइट एक्स पर आज एक पोस्ट में कहा, ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य और जी-20 सदस्यों की पूर्ण रजामंदी के बाद जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों की चौथी एवं अंतिम बैठक में जारी आधिकारिक वक्तव्य मंजूर कर लिया गया है।’
बयान में बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत बनाने पर गठित स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का स्वागत किया गया। संयुक्त बयान में कहा गया कि एमडीबी की दृष्टि, संचालन व्यवस्था एवं वित्तीय क्षमताओं में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है।
बयान में कहा गया, ‘आने वाले समय में हम अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली कार्यशील समूह से एमडीबी के साथ परामर्श करते हुए स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट पर विचार करने का अनुरोध करेंगे। हम अप्रैल 2024 में प्रस्तावित अपनी बैठक में यह भी अनुरोध करेंगे कि एमडीबी को और बेहतर, व्यापक एवं अधिक प्रभावी बनाने के उपाय भी सुझाएं।’
एफएमसीबीजी ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए जी-20 रणनीति पर त्वरित एवं आपसी सामंजस्य के साथ क्रियान्वयन की मांग की है। इसके अलावा एफएमसीबीजी ने नीतिगत ढांचे, जी-20 से इतर दूसरे देशों से संपर्क साधने, आपसी सहयोग एवं जानकारी साझा करने एवं सूचनाओं का अभाव दूर करने का भी आह्वान किया गया है।
एफएमसीबीजी ने कहा है, ‘व्यापक स्तर पर आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के साझा लक्ष्य और क्रिप्टो परिसंपत्तियों के वृहद नीतिगत ढांचे के प्रभावी, लचीले एवं समन्वित अमल के लिए विस्तृत एवं ठोस रणनीति जरूरी है।’
पिछले महीने जारी पहले मसौदे में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए स्पष्ट कर व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। इस मसौदे में देशों को मौद्रिक संप्रभुता की रक्षा करने की भी सलाह दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर रोक लगाना आसान विकल्प नहीं है। यह भी कहा गया कि अस्थायी प्रतिबंध व्यापक आर्थिक नीतियों के विकल्प नहीं बनने चाहिए।
एफएमसीबीजी ने भारत की अध्यक्षता में अपनी चौथी एवं अंतिम बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वित्तीय स्थायित्व बोर्ड से क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर जी-20 रणनीति के क्रियान्वयन की प्रगति पर नियमित एवं संरचनात्मक जानकारी देते रहने का अनुरोध किया है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि एफएमसीबीजी वक्तव्य जी-20 नई दिल्ली में सदस्य देशों के घोषणापत्र पर आधारित है। नोट में यह भी कहा गया है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच बनी सहमति से काफी लाभ मिला है।