अर्थव्यवस्था

CPSE: 82 फीसदी तक बढ़ी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की हैसियत, वित्त मंत्री ने की राहुल गांधी के बयान की निंदा

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 12 सूचीबद्ध बैंकों का बाजार पूंजीकरण पिछले तीन वर्षों के दौरान 2.95 गुना बढ़कर इस साल 31 मार्च को 16.12 लाख करोड़ रुपये हो गया।

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हर्ष कुमार   
Last Updated- May 08, 2024 | 9:42 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) की हैसियत (नेटवर्थ) 82 फीसदी तक बढ़ी है। यह वित्त वर्ष 2014 के 9.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 तक 17.33 लाख करोड़ रुपये हो गई है। सीतारमण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार सीपीएसई को खत्म कर रही है और मौजूदा सरकार के कार्यकाल में उनकी हालत ठीक नहीं है।

सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिये कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएसयू फल-फूल रहे हैं। परिचालन में स्वतंत्रता के साथ-साथ व्यावसायिकता की संस्कृति से उन्हें लाभ मिल रहा है। मोदी सरकार के पूंजीगत खर्च पर ध्यान देने से भी उनके शेयरों के प्रदर्शन में इजाफा हुआ है।’

सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 12 सूचीबद्ध बैंकों का बाजार पूंजीकरण पिछले तीन वर्षों के दौरान 2.95 गुना बढ़कर इस साल 31 मार्च को 16.12 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्री ने इसका श्रेय मोदी सरकार की पहलों को दिया है। इसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आए बैंकिंग संकट से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बचाने पर जोर दिया गया था।

उन्होंने उल्लेख किया गया कि पिछले एक दशक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) घटकर 3.2 फीसदी पर आ गई हैं और मुनाफा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

सीतारमण ने पूरे देश में औपचारिक बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय समावेशन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने दावा किया कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) जैसी उपेक्षित संस्थाओं सहित सीपीएसई का मोदी सरकार के कार्यकाल में पुनरुत्थान हुआ है।

सीतारमण ने कहा, ‘पिछले महज चार वर्षों के दौरान एचएएल का बाजार मूल्यांकन 1370 फीसदी बढ़कर साल 2020 के 17,398 करोड़ रुपये से बढ़कर 4 मई, 2024 तक 2.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। एचएएल ने इस साल 31 मार्च को अपने अब तक के सर्वाधिक राजस्व की घोषणा की। वित्त वर्ष 2023-24 में उसकी कमाई 29,810 करोड़ रुपये से अधिक थी और 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक का मजबूत ऑर्डर बुक था।’ वित्त मंत्री ने एचएएल जैसे संस्थानों को सशक्त बनाने के बजाय आयात पर अधिक भरोसा करने के लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया।

सीतारमण ने कहा कि विनिवेश के बाद लोगों की नौकरियां जाने के संबंध में भी गलत और भ्रामक दावे किए जाते हैं। एयर इंडिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एयर इंडिया में रोजगार के अवसर में काफी इजाफा हुआ है। उसके निजीकरण के बाद से 7,500 से अधिक नए कर्मचारी कंपनी में शामिल हुए हैं। इनमें फ्लाइंग और ग्राउंड दोनों कर्मचारी शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘खरीदार के लिए सरकार ने यह शर्त रखी थी कि एक साल तक कंपनी किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाएगी और छंटनी भी नहीं करेगी। इसके अलावा एक साल के बाद भी अधिकतम लाभ से कम अनुकूल शर्तों पर छंटनी से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी। कानून के मुताबिक पीएफ और ग्रेच्युटी आदि लाभ भी दिए गए।’

First Published : May 8, 2024 | 9:42 PM IST