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ITR Filing 2025: आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख मई में बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी थी। लेकिन विभाग के मुताबिक अब तक दाखिल किए गए रिटर्न की संख्या उम्मीद से कम है।
4 सितंबर 2025 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 4.56 करोड़ से अधिक लोगों ने अपना ITR दाखिल किया है। इनमें से 4.33 करोड़ से ज्यादा रिटर्न ई-वेरीफाई भी हो चुके हैं। वहीं, आयकर विभाग ने अब तक लगभग 3.17 करोड़ ITR प्रोसेस किए हैं। इसका मतलब है कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग अपने रिटर्न प्रोसेस होने और रिफंड मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
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विशेषज्ञों का अनुमान है कि अंतिम 9 दिनों में 3 करोड़ से अधिक लोग अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। तुलना के लिए देखें तो पिछले साल 31 जुलाई 2024 तक कुल 7.28 करोड़ ITR दाखिल किए गए थे। सिर्फ अंतिम दिन यानी 31 जुलाई को ही करीब 70 लाख रिटर्न दाखिल हुए थे। यह बताता है कि आखिर के दिनों में फाइलिंग तेजी से बढ़ जाती है।
असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है। लेकिन यह तारीख केवल उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनके अकाउंट का ऑडिट नहीं होता। आयकर विभाग हर साल अलग-अलग श्रेणियों के करदाताओं के लिए अलग-अलग तारीखें तय करता है।
फिनैक बाय AKSSAI प्रोजेक्सल के डायरेक्टर अनिल के. शर्मा का कहना है कि रिटर्न फाइल करते समय छोटी-सी चूक भी बड़ी परेशानी बन सकती है। उनका सुझाव है कि करदाता सबसे पहले सही ITR फॉर्म चुनें और जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे फॉर्म 16, फॉर्म 26AS आदि पहले से तैयार रखें।
शर्मा के अनुसार, टैक्स क्रेडिट्स को सही ढंग से मिलाना बेहद जरूरी है। अगर यह छूट गया तो रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है और रिफंड भी देर से मिलेगा।
शर्मा ने बताया कि समय सीमा से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं:
आखिरी समय की भाग-दौड़ और गलतियों से बचाव
समय पर रिफंड मिलने की सुविधा
पेनल्टी और इंटरेस्ट से छुटकारा
तनाव और चिंता से राहत
उनका मानना है कि अगर टैक्सपेयर्स समय पर और सही तरीके से ITR फाइल करते हैं तो टैक्स से जुड़ा पूरा प्रोसेस आसान और परेशानी-रहित हो जाता है। देरी करने पर न केवल अतिरिक्त पैसा देना पड़ सकता है बल्कि कई फायदे भी हाथ से निकल सकते हैं।