केंद्र ने सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी को खनिज संपदा के प्रचुर देशों में महत्त्वपूर्ण खनिजों का खनन करने की हिदायत दी है। इसके अलावा खान मंत्रालय भी निजी कंपनियों जैसे अदाणी एंटरप्राइजेज, टाटा ग्रुप, हिंडाल्को आदि को चिली, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में महत्त्वपूर्ण खनिजों के खनन में निवेश करने में सुविधा मुहैया करा रहा है।
यह प्रयास केंद्र सरकार देश के ऊर्जा संक्रमण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिजों जैसे लीथियम, तांबा और कोबाल्ट की मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के प्रयास के तहत किए जा कहे हैं।
खनन सचिव वीएल कांता राव ने बुधवार को कहा, ‘सरकारी कंपनी कोल इंडिया चिली में लीथियम ब्लॉक हासिल करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। एनएमडीसी ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है। एनएमडीसी के पास ऑस्ट्रेलिया में सोने की खानें हैं और अब इसकी ऑस्ट्रेलिया की लीथियम की खानों पर नजर है। हमने ओएनजीसी से विदेश में महत्त्वपूर्ण खनिज खनन करने के लिए कहा है।’
भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की विदेशी में उपस्थिति है। राव ने नई दिल्ली में उद्योग के सम्मेलन से इतर कहा, ‘हमने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को विदेशी में महत्त्वपूर्ण खनिजों पर नजर रखने की हिदायत दी है और यह आसान तरीका भी है। उनकी विदेशों में भी उपस्थिति है। कंपनियां जैसे टाटा, वेदांता और लोहम ने जाम्बिया के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने में रुचि दिखाई है। चिली गए हालिया प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हिंडाल्को और अडाणी भी हिस्सा थे और भारत के इस प्रतिनिधिमंड ने वहां लीथियम और तांबे में अवसर तलाशे थे।’
भारत जाम्बिया में लीथियम सहित महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए संयुक्त खनन के अवसर तलाश रहा है। कांगो में अलग प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। नैशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड , हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड और मिनरल एक्सपोलोरेशन ऐंड कंसल्टेंसी लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) है।