facebookmetapixel
हर एक शेयर पर मिलेंगे 23 शेयर, स्टॉक की कीमत ₹10 से भी कम; NBFC कंपनी ने मचाया धमाल2025 में चांदी की रिकॉर्ड बढ़त के बाद कियोसाकी का दावा: 2026 में 200 डॉलर तक पहुंचने की संभावना!छिपे फॉरेक्स चार्ज से परेशान? विशेषज्ञ से समझें RBI के नए नियमों के बारे मेंGST सुधार और FDI का असर: बीमा क्षेत्र में फिर आएगी रफ्तार, FY27 में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीदUpcoming IPOs: Jio, फ्लिपकार्ट, PhonePe से लेकर OYO तक; 2026 में इन बड़े नाम के आएंगे IPOMarket Outlook: नए साल से पहले बाजार की चाल तय करेंगे मैक्रो आंकड़े और वैश्विक संकेतBonus Stocks: 2025 की विदाई और 2026 की शुरुआत में निवेशकों को तोहफा, दो कंपनियां बाटेंगी बोनसStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी बंटवारा, रिकॉर्ड-डेट पर सबकी नजरयूके एफटीए से अमेरिका टैरिफ विवाद तक: 2025 में भारत की ट्रेड पॉलिसी की तस्वीरMCap: सात बड़ी कंपनियों का मार्केट कैप डूबा, SBI सबसे बड़ा नुकसान उठाने वाली

मॉनसून के बाद भी काफी होगा कोयला भंडार

इस साल 70 लाख टन अधिक कोयला उत्पादन होने की संभावना है, जिससे अक्टूबर के अंत तक देश के ताप संयंत्रों में कोयला भंडारण 3.7 करोड़ टन रह सकता है।

Last Updated- April 02, 2025 | 10:22 PM IST
Coal Allocation
प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्रीय कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने आज कहा है कि इस साल 70 लाख टन अधिक कोयला उत्पादन होने की संभावना है, जिससे अक्टूबर के अंत तक देश के ताप संयंत्रों में कोयला भंडारण 3.7 करोड़ टन रह सकता है। पिछले साल अक्टूबर के अंत तक कोयला भंडार 3 करोड़ टन था।

बीते दिनों भारतीय मौसम विभाग ने इस साल अप्रैल से जून के दौरान ज्यादा दिन लू चलने की आशंका जताई है, जिससे भारत में इस साल गर्मियों में बिजली की रिकॉर्ड 270 गीगावॉट मांग रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 250 गीगावॉट थी।

ऐसी स्थिति में कोयला का शुरुआती भंडार पर्याप्त रहने से ताप बिजली उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह भी देखा जाता है कि मॉनसून के दौरान ताप बिजली संयंत्रों द्वारा कोयला का उठाव कम हो जाता है। भारत की ताप बिजली संयंत्र की क्षमता 247 गीगावॉट है, लेकिन सभी विद्युत स्रोतों की स्थापित क्षमता 470 गीगावॉट है। इस साल 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक होने वाले 11वें एशियाई खनन कांग्रेस (एएमसी) और अंतरराष्ट्रीय खनन प्रदर्शनी (आईएमई) के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दत्त ने कहा, ‘इसलिए कोयला मंत्रालय ताप बिजली संयंत्रों में भंडार बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि मॉनसून में अगर कम आती है तो उसका असर देखने को नहीं मिले।’

ऐतिहासिक रूप से साल की पहली छमाही बिजली की सर्वाधिक खपत के बाद 1 अप्रैल को शुरुआती भंडार में आमतौर पर करीब 1.7-1.8 करोड़ टन की कमी रहती है। इस साल 1 अप्रैल तक ताप बिजली संयंत्रों में भंडार 5.5 करोड़ टन था, जो अब तक के उच्चतम स्तर पर है और एक साल पहले के मुकाबले 16.1 फीसदी अधिक है।

सचिव ने कहा, ‘अगर हम इन आंकड़ों को सही मानें तो इस साल अक्टूबर के अंत तक कोयला भंडार पिछले साल के 3 करोड़ टन के मुकाबले बढ़कर 3.7 करोड़ टन होगा।’

एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर वित्त वर्ष 2025 में भारत ने 1.04 अरब टन कोयला का उत्पादन किया था, जो एक साल पहले के मुकाबले करीब 5 फीसदी अधिक है।

First Published - April 2, 2025 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट