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छह से12 महीनों में ब्याज दरों में आ सकती है कमी : चिदंबरम

Last Updated- December 07, 2022 | 2:42 PM IST

वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि भारतीय ब्याज दरों में अगले 6 से 12 महीनों में मौजूदा ऊंचे स्तर से नीचे आ सकती है।


गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज की दरों में 0.5 फीसदी की बढोतरी की थी और यह नौ सालों की अपनी अधिकतम ऊंचाई नौ फीसदी पर पहुंच गया है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने सीआरआर में भी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।

बैंक ने ये कदम 11.98 फीसदी के ऊंचे स्तर को छूती महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए किया था। चिदंबरम ने कहा कि ब्याज दरें हमेशा के लिए ऊंची नही बनी रहेंगी। बिना कोई इशारा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि हम इससे निजात पा लेंगे और जल्दी ही इनमें कमी होगी। अगले छ: महीनों से एक साल में ये अपने सामान्य स्तर पर आ सकती हैं। इस हफ्ते उठाए गए कदमों के पहले केंद्रीय बैंक ने जून के महीनें में भी रेपो रेट में 0.75 फीसदी और सीआरआर में 1.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।

चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पिछले चार साल अच्छे रहे हैं लेकिन ऊंची ब्याज दरों और कमोडिटी की ऊंची कीमतों की वजह से यह मुश्किलों भरा साल है। पिछले चार सालों में देश की विकास दर नौ फीसदी रही है और इस मार्च 2009 को समाप्त होने वाले वित्त्तीय वर्ष में आठ फीसदी के करीब रहने की संभावना है। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता बनी हुई है और बैंक लो कॉस्ट डिपॉजिट पर फोकस करके ब्याज दरों के बोझ को कम कर सकते हैं।

चिदंबरम ने कहा कि मेरा सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सलाह है कि उनके कुल जमा में कासा (करेंट एकाउंट और सेविंग एकाउंट) की हिस्सेदारी 40 फीसदी हो। एंजल ब्रोकिंग में बैकिंग विश्लेषक वैभव अग्रवाल का कहना है कि बैंकिंग सिस्टम में कासा के 36 फीसदी के करीब रहने की संभावना है।

First Published - August 1, 2008 | 11:02 PM IST

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