वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि महंगाई को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए उपायों कदमों का प्रभाव दिखाई दे रहा है लेकिन महंगाई की नियंत्रण में लाने में अभी वक्त लगेगा।
कैबिनेट मीटिंग केबाद पत्रकारों से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए मौद्रिक उपायों का परिणाम आने तक हमें इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा महंगाई से निपटने का तरीका साफ-सुथरा और सटीक है।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर वाई वी रेड्डी ने बुधवार को संसदीय समिति के सामने बताया था कि बढ़ती महंगाई की दर बरकरार रहेगी और इसे छ: माह बाद ही इसमें कुछ गिरावट दिखनी शुरु होगी। भारत की महंगाई की दर अपने 13 सालों के उच्चतम स्तर 11.89 फीसदी पर पहुंच गई है और 5 जुलाई को समाप्त हुए हफ्ते में इसके 12.05 फीसदी पर पहुंच जाने के आसार हैं।
यह पूछने पर कि क्या सरकार महंगाई को रोकने के लिए कोई उपाय करेगी तो उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि महंगाई को रोकने के लिए कौन से कदम जरुरी है? आखिर इतनी जल्दी क्या है? अक्टूबर के बाद देश की महंगाई की दर लगातार बढ़ती जा रही है और कमोडिटी विशेषतौर पर स्टील,खाद्य तेल और लोहे और कचच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। बढ़ती महंगाई ने कठोर मौद्रिक उपायों के लिए मजबूर किया है। इसी क्रम में पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.5 फीसदी की और सीआरआर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके अलावा सरकार ने महंगाई से निपटने के लिए अन्य कदम भी उठाए हैं।