भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने कहा कि मार्च के मध्य से शुरू हो रहे गेहूं के खरीद सत्र में खरीदारी सामान्य रहेगी। यह खरीदारी करीब तीन करोड़ टन से चार करोड़ टन के बीच रहेगी। संस्थान के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक के के मीणा ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फसल के लिए स्थितियां सामान्य हैं और तापमान बढ़ने से कोई फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
मीणा ने कहा, ‘गेहूं बोआई का क्षेत्रफल बीते साल की तुलना में अधिक है। अभी फसल की स्थिति बहुत अच्छी है। हमारी खरीद सामान्य तीन करोड़ से चार करोड़ टन रहनी चाहिए।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि बीते साल घरेलू उत्पादन गिरने और निर्यात बढ़ने के कारण गेहूं की खरीद कम हुई थी। भारत के मौसम विभाग तापमान बढ़ने का अनुमान जताया है। उनसे पूछा गया कि तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल पर कोई प्रभाव पड़ेगा। इसके जवाब में मीणा ने कहा कि तापमान बढ़ने का फसल पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद कम है और फसल की थोड़ी अवधि रहने के कारण तापमान बढ़ने का कोई असर नहीं पड़ेगा।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान में सरकार ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन 11.218 करोड़ टन होने का आकलन किया है। बीते साल गेहूं के सेंट्रल पूल में गेहूं की खरीद गिर गई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बीते साल 1.879 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई थी जबकि 2021-22 में 4.334 करोड़ टन गेहूं की खरीदारी हुई थी।
गेहूं की खरीद, जन वितरण प्रणाली में खाद्यान्न वितरण व कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई है। एफसीआई के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम अभी तक पहली तीन बोलियों में करीब 18 लाख टन गेहूं की बिक्री करने में सफल हो चुका है। निगम ने गेहूं की बिक्री के लिए 30 लाख टन गेहूं की बिक्री निर्धारित की है। खरीदारों ने 12 लाख टन गेहूं की खरीद की है और यह शीघ्र बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। निविदा के जरिए खरीद की प्रक्रिया के कारण गेहूं के दाम नरम हुए हैं और अब यह करीब 2,654 रुपये क्विंटल पर आ गए हैं।