भारतीय राजस्व सेवा के 1986 बैच के अधिकारी नितिन गुप्ता को राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) का प्रमुख बनाया गया है। उन्हें नीति निर्माण से लेकर जांच तक के विभिन्न जटिल मुद्दों से निपटने का अनुभव है।
इसके पहले 27 जून, 2022 से 30 जून, 2024 तक गुप्ता ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने विभाग की डिजिटल निगरानी को विस्तार देने का काम किया, खासकर अपने 2 साल के कार्यकाल में ई-वेरिफिकेशन को दिशा दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उनके कार्यकाल के दौरान ई-वेरिफिकेशन पर बहुत काम हुआ। डेटा का उपयोग करके विसंगतियों को चिह्नित करने और मैनुअल जांच को कम करने पर जोर दिया गया।’
ई-वेरिफिकेशन योजना 2021 में अधिसूचित की गई थी, जिसे गुप्ता के कार्यकाल में मूर्त रूप दिया गया। मार्च 2023 में लगभग 68,000 उच्च-मूल्य वाले रिटर्न में विसंगतियों को चिह्नित किया गया और इनसे 1,250 करोड़ रुपये से अधिक की कर वसूली की गई।
गुप्ता ऐसे समय में एनएफआरए का नेतृत्व संभाल रहे हैं, जब प्राधिकरण जेनसोल इंजीनियरिंग के बही खातों की समीक्षा करने जा रहा है। यह बड़ा मामला है, जिसमें कंपनी के प्रमोटरों पर धन के डायवर्जन का आरोप लगा है। साथ ही एनएफआरए आकलन कर रहा है कि क्या इंडसइंड बैंक के खाते की शेष राशि में विसंगतियों की जांच की आवश्यकता है।
सीबीडीटी में गुप्ता के अधीन काम कर चुके एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वह एक स्पष्ट सोच वाले, व्यावहारिक, गंभीर और दक्षता पर जोर देने वाले अधिकारी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वह सख्त, लेकिन निष्पक्ष हैं। डेटा के मामलों में बहुत तेज हैं और वक्त बर्बाद नहीं करते। जटिल मुद्दों को वह तेजी से समझते हैं और बगैर किसी देरी के फैसला करते हैं। चाहे छापेमारी का मसला हो या नई डिजिटल प्रणाली के इस्तेमाल का मसला हो, उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए और चीजों को नियंत्रण में रखा।’