भारतीय सरकार कुछ पर्सनल इनकम टैक्स रेट को कम करने पर विचार कर रही है, जैसा कि कई सरकारी अधिकारियों ने मनीकंट्रोल को बताया। आगामी बजट, जो जुलाई के मध्य में पेश किए जाने की संभावना है, में केंद्र सरकार ने आयकर लगने से पहले की आय सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की योजना बनाई है।
यह बदलाव केवल नई कर व्यवस्था के तहत रिटर्न दाखिल करने वालों पर लागू होगा और इसका उद्देश्य व्यक्तियों, विशेष रूप से कम आय वाले वर्ग को अधिक खर्च करने लायक पैसा मुहैया कराना है।
आपको ये भी याद होगा कि 2020 के बजट में टैक्स देने के दो तरीके बताए गए थे। एक पुराना वाला, जिसमें कुछ निवेश करने पर टैक्स कम हो जाता है। दूसरा नया तरीका, जिसमें टैक्स रेट कम होता है लेकिन ज्यादा छूट नहीं मिलती। ये नया तरीका ही अब सरकार ज्यादा लोगों को अपनाने के लिए बढ़ावा दे रही है।
हालांकि, सरकार अभी इनकम टैक्स की सबसे ऊंची दर (30%) को कम करने वाली नहीं है। कई कंपनियों ने गुजारिश की थी कि ये दर घटाकर 25% कर दी जाए, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार फिलहाल इस पर विचार नहीं करेगी। एक सरकारी अफसर के मुताबिक, अभी प्राथमिकता ये है कि कम कमाई वाले लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आए ताकि वो ज्यादा खर्च कर सकें।
पुरानी टैक्स व्यवस्था में बदलाव की उम्मीद कम है। कुछ लोगों ने मांग की थी कि सबसे ऊंचे टैक्स वाले दायरे (10 लाख रुपये से ज्यादा कमाई पर लगने वाला 30% टैक्स) को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाए, लेकिन सरकार इस पर शायद ही कोई रियायत दे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नई टैक्स व्यवस्था अपनाएं।
नई व्यवस्था में आपको कई छूट नहीं मिलतीं, लेकिन टैक्स रेट कम होता है। पुरानी व्यवस्था में 10 लाख से ज्यादा कमाई पर 30% टैक्स लगता है, वहीं नई व्यवस्था में ये सीमा 15 लाख रुपये है। कुल मिलाकर, सरकार टैक्स रेट कम करने पर ज्यादा ध्यान दे रही है बजाय कि सब्सिडी जैसी योजनाओं पर खर्च बढ़ाने के। इन सब्सिडी योजनाओं में कई बार पैसा बर्बाद भी हो जाता है।