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GST संग्रह में उछाल! फरवरी में कलेक्शन बढ़कर ₹1.84 लाख करोड़ के पार, 9.1% की जबरदस्त बढ़त

फरवरी में कुल 20,889 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो साल-दर-साल 17.3% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

Last Updated- March 01, 2025 | 5:58 PM IST
GST

सरकार ने फरवरी में हुए सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह के आंकड़े की घोषणा कर दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में GST संग्रह 9.1% बढ़कर लगभग 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया। सकल GST राजस्व में घरेलू राजस्व 10.2% बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से प्राप्त राजस्व 5.4% बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये हो गया।

GST संग्रह का ब्योरा

फरवरी में अलग-अलग जगहों से प्राप्त GST संग्रह इस प्रकार रहा:

केंद्रीय GST (CGST) – 35,204 करोड़ रुपये

राज्य GST (SGST) – 43,704 करोड़ रुपये

एकीकृत GST (IGST) – 90,870 करोड़ रुपये

मुआवजा उपकर (Compensation Cess) – 13,868 करोड़ रुपये

फरवरी में कुल 20,889 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो साल-दर-साल 17.3% की बढ़ोतरी को दर्शाता है। शुद्ध GST संग्रह फरवरी 2025 में 8.1% बढ़कर लगभग 1.63 लाख करोड़ रुपये हो गया। फरवरी 2024 में सकल और शुद्ध GST संग्रह क्रमशः 1.68 लाख करोड़ रुपये और 1.50 लाख करोड़ रुपये था।

बीते दिन Q3 के GDP के आंकड़े भी आए थे

बता दें कि बीते दिनों सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर की भी घोषणा की थी। तीसरी तिमाही में यह 6.2% रही थी। यह आंकड़ा शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी किया गया था। इससे पहले, दूसरी तिमाही (Q2FY25) में GDP वृद्धि गिरकर 5.4% पर आ गई थी, जो पिछले सात तिमाहियों का सबसे निचला स्तर था और देश की संभावित वृद्धि दर 7-7.5% से काफी कम थी।

पिछली तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि में लगातार गिरावट देखी गई है। Q3FY24 में GDP वृद्धि 8.6% थी, जो Q4FY24 में घटकर 7.6% रह गई थी। इसके बाद, यह Q1FY25 में 6.7% और Q2FY25 में 5.4% तक गिर गई थी।

सांख्यिकी मंत्रालय ने FY25 के लिए GDP अनुमान 6.4% पर बनाए रखा है, जो FY24 में दर्ज 8.2% की वृद्धि से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष में 6.6% की वृद्धि का अनुमान लगाया है। हालांकि FY25 की पहली छमाही सुस्त रही, लेकिन मंत्रालय को उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। कृषि और औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ ग्रामीण मांग में मजबूती से भारत की वृद्धि दर को समर्थन मिलेगा। इस गति से FY25 के अंत तक अर्थव्यवस्था 6.4-6.8% तक विस्तार कर सकती है।

First Published - March 1, 2025 | 5:58 PM IST

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