facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

महत्त्वपूर्ण खनिजों की नीलामी से बड़ी फर्में दूर, सफलता की दर 50 फीसदी से भी कम रही

जिन 6 ब्लॉकों के लिए बोलियां लगी हैं, उनमें ग्रेफाइट, मैगनीज, फॉस्फोराइट, ली​थियम और दुर्लभ खनिज शामिल हैं। ये ब्लॉक ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हैं।

Last Updated- June 24, 2024 | 10:30 PM IST
rare earth minerals

देश में महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहली नीलामी में खनन उद्योग ने कम दिलचस्पी दिखाई। नीलामी के पहले चरण में सफलता की दर 50 फीसदी से भी कम रही है। सुस्त प्रतिक्रिया के कारण कई खदानों की नीलामी रद्द कर दी गई है।

खनन मंत्रालय की ओर से आज घोषित परिणामों से पता चलता है कि अपेक्षाकृत कम चर्चित 6 कंपनियां तरजीही बोलीदाता के रूप में उभरी हैं। इन कंपनियों में अग्रसेन स्पंज, कुंदन गोल्ड माइंस, डालमिया भारत रिफ्रैक्टरीज, सागर स्टोन इंडस्ट्रीज और माइकी साउथ माइनिंग शामिल हैं। केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री जी किशन रेड्डी ने नीलामी के परिणाम की घोषणा की। उन्होंने महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की चौथे दौर की नीलामी की पेशकश भी की, जिसमें 21 ब्ल़ॉकों को बिक्री के लिए रखा गया है।

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में रेड्डी ने कहा, ‘इस दौर की नीलामी महत्त्वपूर्ण खनिज के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा एक कदम है।’ इन खनिजों की नीलामी से महत्त्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि और आयात पर निर्भरता कम होने की संभावना है। बहरहाल इस उद्योग के बड़े दिग्गजों के हिस्सा न लेने से पेशकश किए गए ब्लॉकों के आकर्षण और व्यवहार्यता को लेकर सवाल उठे हैं।

उद्योग के एक कारोबारी ने कहा, ‘संभावित भंडार के बारे में आंकड़े स्पष्ट न होने के कारण सुस्त प्रतिक्रिया मिली है। अगर भंडार के आंकड़े उपलब्ध न हों तो कोई भी निवेश करना नहीं चाहता।’

ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब 29 फरवरी को दूसरे चरण की नीलामी के लिए रखे गए 18 ब्लॉकों में से 14 की नीलामी कल ही रद्द कर दी गई है। 21 जून को खनन मंत्रालय के नोटिस के मुताबिक 14 में से 5 ब्लॉकों को एक भी बोली नहीं मिली और 9 ब्लॉकों को अनिवार्य तीन बोलीदाता नहीं मिलने से इन ब्लॉकों की नीलामी रद्द कर दी गई। यह पहला मौका नहीं है जब केंद ने बोलीदाताओं की कम रुचि के कारण नीलामी रद्द की है। पहले चरण में मंत्रालय ने नीलामी के लिए रखे गए 20 ब्लॉकों में से 14 को रद्द कर दिया था।

जिन 6 ब्लॉकों के लिए बोलियां लगी हैं, उनमें ग्रेफाइट, मैगनीज, फॉस्फोराइट, ली​थियम और दुर्लभ खनिज शामिल हैं। ये ब्लॉक ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हैं।

सबसे ज्यादा बोली उत्तर प्रदेश के फॉस्फोराइट ब्लॉक के लिए लगी। इस ब्लॉक को सागर स्टोन ने 400 फीसदी ज्यादा बोली लगाकर अपने नाम किया। छत्तीसगढ़ के ली​थियम ब्लॉक के लिए माइकी साउथ माइनिंग ने सफल बोली लगाई। उसने आधार मूल्य से 76.05 फीसदी ज्यादा की बोली लगाई थी।

इस मौके पर खनन मंत्रालय ने दो नई अ​धिसूचित निजी उत्खनन एजेंसियों को भी प्रमाण पत्र सौंपे। दो नई निजी एजेंसियों के अ​धिसूचित होने से कुल अधिसूचित निजी उत्खनन एजेंसियों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। मंत्रालय ने शोध एवं विकास संस्थान तथा स्टार्टअप को अनुदान का मंजूरी पत्र भी सौंपा। शोध एवं विकास के लिए खनन मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए 12 करोड़ रुपये और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

First Published - June 24, 2024 | 10:30 PM IST

संबंधित पोस्ट