सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी तेल और रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन
आयकर विभाग के मुताबिक वित्तीय वर्ष
2006-07 के लिए कंपनी को 375 करोड़ रुपये बतौर अग्रिम कर चुकाने की बात थी,लेकिन कंपनी ने मात्र 275 करोड रुपये ही इस मद में जमा किए थे। इस प्रकार कंपनी इस अग्रिम कर का भुगतान नहीं कर पाई। एक सूत्र के मुताबिक कंपनी ने इस संदर्भ में आयकर विभाग को कोई लिखित सूचना भी नहीं दी। बीपीसीएल के वित्त निदेशक एस के जोशी ने बताया कि आयकर विभाग तेल की वर्तमान परिदृश्य को समझे बिना ही इस मुद्दे को उछाल रहा है। इसके बावजूद कंपनी ने अथॉरिटी को इसकी जानकारी दे दी थी।जबकि आयकर अधिकारी ने बताया कि बीपीसीएल ही एकमात्र कं पनी है
,जो इस तरह की गलतियां दोहरा रही है। दूसरी तेल कंपनियां इस कर को समय के साथ चुका देती है। एक अधिकारी ने बताया कि बीपीसीएल के समय से कर नहीं देने के कारण सरकार को घाटा सहना पड़ता है, क्योंकि इस बकाये कर पर बाद में कंपनी को ब्याज भी देना पड़ता है। कानून विशेषज्ञ का मानना है कि कंपनी आयकर विभाग के इस कदम के बाद आयकर आयुक्त के समक्ष अपील कर सकती है।तेल कंपनियां तेल की कीमतों में उछाल की समस्या से परेशान है । एक तरफ तो तेल की वैश्विक कीमतें आसमान छू रही हैं और दूसरी तरफ ये कंपनियां उपभोक्ताओं के लिए दाम भी नहीं बढ़ा पा रही है। इस स्थिति में कंपनियों को दोहरी मार झेलनी पड रही है।