अर्थव्यवस्था

आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका, शहरी बेरोजगारी 4 तिमाही के उच्च स्तर पर पहुंची

महिलाओं में बेरोजगारी की दर मामूली रूप गिरकर 8.5 प्रतिशत पर आ गई जबकि पुरुपों में बीते सप्ताह के 5.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- May 15, 2024 | 9:38 PM IST

भारत के शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2024) में बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो गई है, जो इसके पहले की तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी। इससे शहरी रोजगार के बाजार में गिरावट का पता चलता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकीय संगठन (एनएसओ) के बुधवार को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) आंकड़ों के अनुसार इससे पहले शहरी क्षेत्रों में कोविड प्रभाव वाले वित्त वर्ष 22 की अप्रैल जून तिमाही के उच्च स्तर 12.6 प्रतिशत की बेरोजगारी दर में निरंतर गिरावट आई थी।

वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यू) में 15 साल से अधिक उम्र में बेरोजगारी की दर जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही के 6.8 प्रतिशत के बाद सर्वाधिक है। सीडब्ल्यूएस सर्वेक्षण में सात दिन पहले की सक्रिय स्थिति पर तय होता है।

आंकड़े के अनुसार इस अवधि में महिलाओं में बेरोजगारी की दर मामूली रूप गिरकर 8.5 प्रतिशत पर आ गई जबकि पुरुपों में बीते सप्ताह के 5.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई। सर्वेक्षण के अनुसार युवा बेरोजगारी स्तर बढ़ा है और यह बीती तिमाही के 16.5 प्रतिशत से बढ़कर चौथी तिमाही में 17 प्रतिशत हो गया।

यह आंकड़ा इसलिए महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि इस आयु वर्ग के लोग पहली बार इस आयु वर्ग में प्रवेश करते हैं और यह श्रम बाजार की मजबूती को दर्शाता है।
हालिया सर्वेक्षण प्रदर्शित करता है कि श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 49.9 प्रतिशत से बढ़कर चौथी तिमाही में 50.2 प्रतिशत हो गई।

First Published : May 15, 2024 | 9:38 PM IST