facebookmetapixel
Infosys buyback: 5 दिन में मार्केट कैप ₹40,000 करोड़ बढ़ा, ब्रोकरेज ने कहा- खरीदें, ₹1,880 जाएगा भावबड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीरचांदी के भाव ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगाStocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?Stock Market Today: सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान के साथ खुले, इन्फोसिस और जेबीएम ऑटो उछले50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चा

यूपी की होने वाली है ‘बत्ती गुल’

Last Updated- December 05, 2022 | 9:42 PM IST

अब समूचे उत्तर प्रदेश पर ‘बत्ती गुल’ होने का खतरा मंडरा रहा है।


यह खतरा मंडराने की वजह है, यूपी सरकार द्वारा लंबे अरसे से बकाया बिजली बिलों का भुगतान नहीं करना। इसके चलते खासे खफा होकर केन्द्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) ने उत्तर प्रदेश बिजली निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) से कहा है कि वह अपने बकाए का भुगतान छह किस्तों में कर दे। हर किस्त 128 करोड़ रुपये की होगी। यह भुगतान समयबध्द ढंग से होने वाले भुगतान के अलावा है।


गौर करने वाली बात यह है कि केंद्रीय संस्था ने पहली बार किसी राज्य के लिए इस तरह के कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी है। सीईआरसी ने कहा है कि यदि यूपीपीसीएल बकाए का भुगतान करने में विफल रहता है तो उत्तरी क्षेत्र के लोड डिस्पैच सेंटर को बिजली सप्लाई काटने के लिए कहा जा सकता है। आयोग ने यूपीपीसीएल के आचरण पर निराशा जताते हुए कहा कि उसकी चेतावनी को कोरी चेतावनी न समझा जाए बल्कि वह इस पर खरा उतरने के पूरे मूड में है। आयोग ने डिस्पैच सेंटर से भी कहा है कि वह यूपीपीसीएल की भुगतान की स्थिति के बारे में सूचना दे।


लोगों पर तो गिर गई बिजलीमहंगाईकी मार झेल रहे उपभोक्तों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली दरें बढ़ाकर और समस्या खड़ी कर दी है। उप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में औसत 14 फीसदी की बढ़ोतरी की है। आयोग का सबसे ज्यादा कहर लघु उद्योगों पर टूटा है, जिनके लिए बिजली की दरों में एकमुश्त 22 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।


हालांकि ग्रामीण इलाकों के लोगों को राहत दी गई है और वहां बिजली की दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली 8 फीसदी महंगी कर दी गयी है, पर एक किलोवॉट भार क्षमता वाले उपभोक्ता अगर 150 यूनिट प्रतिमाह बिजली खर्च करेंगे तो पुरानी दरें लगेंगी।

First Published - April 16, 2008 | 1:45 AM IST

संबंधित पोस्ट