facebookmetapixel
₹101 तक जा सकता है SmallCap Stock! हाई से 30% नीचे कर रहा ट्रेड, ब्रोकरेज ने कहा- मौका हे ग्रेटतेज गेंदबाज क्रांति गौड़ को मध्य प्रदेश सरकार देगी ₹1 करोड़ का ईनामSEBI New Mutual Fund Rule: निवेश होगा सस्ता, बड़ी AMCs पर बढ़ेगा मार्जिन प्रेशरIOCL, BPCL, HPCL के शेयर 52 वीक हाई पर, अब खरीदने पर होगा फायदा? जानें ब्रोकरेज का नजरियाBharti Airtel Q2 Result: मुनाफा दोगुना होकर ₹8,651 करोड़, ARPU बढ़कर ₹256 पर पहुंचाEdelweiss MF ने लॉन्च किए 2 नए ETFs, ₹5,000 से निवेश शुरू; सेंसेक्स और निफ्टी-50 पर नजरदेव दीपावली पर वाराणसी पहुंचेंगे 10 लाख से ज्यादा पर्यटक, होटलों की बुकिंग फुलDefence PSU Stock: ₹74,500 करोड़ की ऑर्डरबुक, 5 साल में 1300% रिटर्न; ब्रोकरेज ने अब बढ़ाया टारगेट प्राइसभारत बनेगा सौर ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब, FY28 तक ₹69,000 करोड़ निवेश का अनुमानAngle One AMC ने उतारा देश का पहला स्मार्ट बीटा फंड, ₹1,000 की SIP से शुरू करें निवेश

अगस्त में 12.9 करोड़ ईवे बिल बने, त्योहारी मांग और अमेरिकी शुल्क से बढ़ी गति

जीएसटीएन के आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर ईवे बिल के सृजन में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि क्रमिक आधार पर जुलाई की तुलना में इसमें 2.15 प्रतिशत की कमी आई है।

Last Updated- September 10, 2025 | 8:07 AM IST
e-way bill
Representative Image

राज्य के भीतर या एक राज्य से दूसरे राज्य में 50,000 रुपये से अधिक का माल भेजने के लिए ईवे बिल या इलेक्ट्रॉनिक परमिट का सृजन अगस्त में बढ़कर 12.913 करोड़ हो गया है, जो अब तक का दूसरा बड़ा मासिक रिकॉर्ड है। जुलाई में सर्वाधिक 13.191 करोड़ ईवे बिल का सृजन हुआ था।

जीएसटीएन के आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर ईवे बिल के सृजन में 22.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि क्रमिक आधार पर जुलाई की तुलना में इसमें 2.15 प्रतिशत की कमी आई है।

यह भी पढ़ें: अमेरिका के बाद यूरोप में खुले भारत के सी-फूड एक्सपोर्ट के नए रास्ते

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका द्वारा 27 अगस्त से 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा और त्योहारी मांग बढ़ने के कारण तेजी हो सकती है।  डेलॉयट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा कि उच्च ईवे बिल सृजन की कई वजहें हो सकती हैं, जिसमें त्योहारों की मांग, मॉनसून के विस्तार के कारण आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी मांग, अमेरिकी शुल्क लागू होने के पहले ऑर्डर में तेजी के कारण फैक्टरी से ज्यादा मात्रा में डिस्पैच शामिल है।

First Published - September 10, 2025 | 8:07 AM IST

संबंधित पोस्ट