facebookmetapixel
Bihar Election Result: मैथिली ठाकुर ने रचा इतिहास, बनीं बिहार की सबसे युवा विधायकBihar Election Result: 95% स्ट्राइक रेट के सहारे बिहार में NDA की प्रचंड जीत, महागठबंधन का मजबूत मोर्चे ढहाबिहार में NDA की धमाकेदार जीत के बाद बोले PM मोदी: नई MY फॉर्मूला ने पुरानी को मिटा दियाBihar Election Result: कैसे महिला वोटरों ने अपने दम पर बिहार में NDA की बंपर जीत सुनिश्चित की?PM Kisan 21st installment: आ गई 21वीं किस्त जारी करने की तारीख, इस दिन किसानों के खाते में गिरेगा पैसा‘राज्य के सभी मतदाताओं को मेरा नमन’, जीत के बाद बोले नीतीश: सबके सहयोग से बिहार और आगे बढ़ेगादिल्ली ट्रैफिक अलर्ट! VVIP मूवमेंट से आज कई मार्गों पर डायवर्जन, पीएम मोदी के भाजपा मुख्यालय जाने की संभावनामहंगे IPO में बढ़ते रिस्क पर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: निवेशक वैल्यूएशन समझकर ही लगाएं पैसाBihar Election Results: प्रशांत किशोर की बड़ी हार! जन सुराज के दावे फेल, रणनीति पर उठे सवालBihar Results: कैसे हर चुनाव में नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक रणनीति को जरूरत के हिसाब से बदला?

टीके को मंजूरी से बढ़ी बेहतरी की आस

Last Updated- December 10, 2022 | 2:12 AM IST

वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमान आने के कुछ दिन पहले आज कहा कि विभिन्न देशों में कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने और महत्त्वपूर्ण संकेतकों में सुधार से वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था को बेहतर प्रदर्शन में मदद मिलने की संभावना है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने दिसंबर की अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा, ‘लंबे समय से प्रतीक्षित टीके को मंजूरी मिलने और विभिन्न देशों में टीकाकरण अभियान शुरू होने से स्वासस्थ्य व अर्थव्यवस्था दोनों ही मोर्चों पर ताकत मिली है, भले ही वैश्विक स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं और नई किस्म का कोविड-19 चुनौती बना हुआ है।’
इसमें आगे कहा गया है कि त्योहारी सीजन होने के बावजूद कोविड-19 के प्रसार के प्रभावी प्रबंधन और ठंड,  महत्त्वपूर्ण संकेतकों में सतत सुधार और लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद वी आकार की रिकवरी के साथ भारत की अर्थव्यवस्था कोविड की लहर के खिलाफ बढ़ रही है।
डीईए के मुताबिक भारत अब तक कोविड-19 से सफलतापूर्वक निपटने में सफल रहा है और साप्ताहिक व रोजाना के कोरोना के मामलों में कमी आ रही है, रिकवरी दर बढ़ रही  है (यह अब 95 प्रतिशत है) और मृत्यु के मामले में भारत दुनिया में सबसे नीचे के देशों में शामिल है। इसके साथ प्रति 10 लाख लोगों पर परीक्षण की संक्या बढ़ी है और कोविड पॉजिटिव मामलों की संख्या डब्ल्यूएचओ के 8 प्रतिशत के मानक से नीचे है।
टीकाकरण अभियान पर रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार व्यापक टीकाकरण अभियान के लिए पूरी तरह तैयार है और इसका खाका तैयार है। इसमें शुरुआत में स्वास्थ्यकर्मियों व अन्य लोगों का पहले चरण में टीकाकरण होगा। साथ ही सिके लिए इसके लिए रियल टाइम इंटेलिजेंस नेटवर्क, अंतिम छोर तक डिलिवरी के लिए कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्टर के उन्नयन के अलावा प्रायोगिक परीक्षण का काम चल रहा है।
बहरहाल इसमें चेतावनी दी गई है कि टीकाकरण अभियान नजदीक है, वहीं कोविड के मुताबिक व्यवहार अभी भी अहम है क्योंकि नए किस्म के कोविड का खतरा बना हुआ है।
क्षेत्रों के हिसाब से देखें तो रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी की बुआई में सालाना 2.9 प्रतिशत वृद्धि के साथ  कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम बना रहेगा और इससे ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि होगी। साथ ही जलाशयों में भंडारण भी 10 साल के औसत से 122 प्रतिशत है।
इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड खरीद और मनरेगा से ज्यादा रोजगार के सृजन से गांवों में आमदनी बढ़ी है और गांवों में तनाव घटा है।
वहीं इस दौरान औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि 8 महीने के उच्च स्तर पर रही है, जिसे विनिर्माण व बिजली क्षेत्र से बल मिला है। प्रमुख उद्योगों में नवंबर में गिरावट दर्ज कीगई, जिसकी मुख्य वजह प्राकृतिक गैस व सीमेंट है, वहीं कोयले, बिजली और उर्वरकों के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है।
स्टील के उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है और इसकी खपत पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड स्तर पर है। वाणज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सतत तेजी और पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग में लगातार वृद्धि, बिजली मांग व ईवे बिल, टोल संग्रह बढऩे से कारोबार बेहतर होने के संकेत मिल रहे हैं। रेल से माल ढुलाई में तेजी बनी हुई है, जबकि यात्री किराये से कमाई शुरू हो गई है। बंदरगाहों पर ढुलाई पिछले साल से बढ़ी है और घरेलू उड्डयन भी बढ़ रहा है।
घरेलू गतिविधियों ने गति पकड़ी है, वहीं भारत का व्यापार घाटा बढ़ा है क्योंकि 9 महीने बाद आयात में सालाना तेजी आई है। लगातार तीसरी तिमाही में भारत में चालू खाता अधिशेष की स्थिति है। वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 46.82 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों की तुलना में 11.3 प्रतिसत ज्यादा है। एफपीआई प्रवाह में भी यही स्थिति है और नवंबर, दिसंबर में यह ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। भारत का बाजार पूंजीकरण पिछले साल के अंतिम दिन 2.5 लाख करोड़ डॉलर रहा, जिससे भारत पूरी दुनिया में आठवें स्थान पर है। नकदी की स्थिति भी बेहतर बनी हुई है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में कोविड की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन बढ़ा है और रिकवरी सुस्त हो गई है। बहरहाल जिंसों के दाम की मजबूती और टीका आने व बढ़ी गतिविधियों से तेल के दाम बढ़ रहे हैं।

First Published - January 5, 2021 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट