वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के दौरान कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में 3.5 प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में हुई 2.5 प्रतिशत वृद्धि से ज्यादा है। हालांकि वित्त वर्ष 2023-23 की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान मौजूदा भाव पर वृद्धि दर करीब 4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में 13.9 प्रतिशत थी।
लेकिन पहली तिमाही के आंकड़ों से ज्यादा सबकी नजर अब 2023-24 खरीफ सत्र में होने वाले उत्पादन पर है, क्योंकि अगस्त में मॉनसून की बारिश कम हुई है।
बैंक आफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘पहली तिमाही में सामान्यतया बची हुई फसल को शामिल किया जाता है और सरकार के गेहूं आदि के उत्पादन का अनुमान पिछले साल बेहतर था। लेकिन पहली तिमाही सेकहीं ज्यादा चल रहे खरीफ सत्र में होने वाला उत्पादन अहम है, जिससे पूरे साल का जीवीए तय होना है।’
मौसम विभाग ने अपने हाल के अनुमान आज जारी किए हैं, जिससे कुछ उम्मीद बनती है। इसमें कहा गया है कि सितंबर में बारिश सामान्य रहेगी, जिसका प्रसार बेहतर रहने की वजह से सूखे खेतों को कुछ राहत मिल सकती है।
अगस्त 2023 में मॉनसून 161.7 मिलीमीटर था, जो 1901 के बाद सबसे कम बारिश है। कुल मिलाकर देश भर में अगस्त में बारिश सामान्य से 36 प्रतिशत कम हुई है।
2022-23 फसल सत्र (जुलाई से जून) में रबी की फसल के उत्पादन के अपने हाल के अनुमान में सरकार ने कहा है कि बोआई का रकबा बढ़ने और ज्यादा उत्पादकता के कारण गेहूं का उत्पादन 1127.4 लाख टन रहने का अनुमान है। फरवरी 2023 में केंद्र ने अनुमान लगाया था कि गेहूं का उत्पादन करीब 1121.8 लाख टन होगा।
रबी की अन्य प्रमुख फसलों में सबसे बड़ी दलहन चना का उत्पादन इस साल 135.4 लाख टन होने की संभावना है, जितना पिछले साल उत्पादन हुआ था। रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों का उत्पादन 124.9 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 4.43 प्रतिशत ज्यादा होगा।