facebookmetapixel
Upcoming NFO: पैसा रखें तैयार! दो नई स्कीमें लॉन्च को तैयार, ₹100 से निवेश शुरूDividend Stocks: 100% का तगड़ा डिविडेंड! BSE 500 कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेUpcoming IPOs: यह हफ्ता होगा एक्शन-पैक्ड, 3 मेनबोर्ड के साथ कई SME कंपनियां निवेशकों को देंगी मौकेरुपये पर हमारी नजर है, निर्यातकों की सहायता लिए काम जारी: सीतारमणमहंगाई के नरम पड़ने से FY26 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में कमी संभव: CEA अनंत नागेश्वरनOYO की पैरेंट कंपनी का नया नाम ‘प्रिज्म’, ग्लोबल विस्तार की तैयारीMarket Outlook: महंगाई डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स तय करेंगे इस हफ्ते शेयर बाजार की चालFPI ने सितंबर के पहले हफ्ते में निकाले ₹12,257 करोड़, डॉलर और टैरिफ का असरMCap: रिलायंस और बाजाज फाइनेंस के शेयर चमके, 7 बड़ी कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹1 लाख करोड़ का इजाफालाल सागर केबल कटने से दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड हुई स्लो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों पर असर

राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 58.9%

Last Updated- December 30, 2022 | 11:37 PM IST
fiscal deficit

अप्रैल-नवंबर 2023 के दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9.78 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान 16.6 लाख करोड़ रुपये का 58.9 प्रतिशत है। इसकी तुलना में पिछले साल की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 6.96 लाख करोड़ रुपये था, जो उस साल के बजट लक्ष्य का 46.2 प्रतिशत है। कर और गैर कर राजस्व कम होने और पूंजीगत व्यय आवंटन बहुत ज्यादा होने के कारण राजकोषीय घाटा पूरे साल के अनुमानित घाटे के प्रतिशत के हिसाब से अधिक है।

दरअसल नवंबर महीने में राजकोषीय घाटा 2.2 लाख करोड़ रुपये था, जो इस वित्त वर्ष के किसी भी महीने की तुलना में सबसे ज्यादा है। इक्रा लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023 के अप्रैल-नवंबर महीने के दौरान केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। शुद्ध कर राजस्व 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि गैर कर राजस्व में 11 प्रतिशत का संकुचन आया है। राजस्व व्यय में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वहीं पूंजीगत व्यय 63 प्रतिशत बढ़ा है।’

वित्त वर्ष 23 के अप्रैल-नवंबर के दौरान शुद्ध कर राजस्व 12.25 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 63.3 प्रतिशत रहा है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह लक्ष्य का 73.5 प्रतिशत था। गैर कर राजस्व 73.5 प्रतिशत आया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 91.8 प्रतिशत आया था। वहीं गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां (मुख्य रूप से विनिवेश से प्राप्त धन) लक्ष्य का 52.3 प्रतिशत है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 11 प्रतिशत आया था। मुख्य रूप से यह इस साल की शुरुआत में एलआईसी का आईपीओ लाने की वजह से हुआ है।

नवंबर 2022 तक कॉर्पोरेट कर, आयकर और जीएसटी संग्रह बजट में अनुमानित वृद्धि दर की तुलना में बेहतर रहा है और इसे कर राजस्व में वृद्धि से समर्थन मिला है। इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘हमने बजट में रुढ़िवादी तरीके से राजस्व का अनुमान लगाकर शुरुआत की थी और वित्त वर्ष 23 के बजट में कम नॉमिनल जीडीपी वृद्धि की कल्पना की गई थी। हमारा तर्क अब उच्च कर राजस्व प्राप्ति में नजर आ रहा है।’

पूंजीगत व्यय की केंद्र सरकार की गुंजाइश मजबूत बनी हुई है। अप्रैल नवंबर के दौरान यह 4.47 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 59.9 प्रतिशत रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 49.4 प्रतिशत था। राजस्व व्यय 19.96 लाख करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान का 62.5 प्रतिशत है, जो पिछले साल की समान अवधि में 61.5 प्रतिशत था। नायर ने कहा, ‘नवंबर 2022 में कुल व्यय उल्लेखनीय रूप से 21 प्रतिशत बढ़ा है। इसमें राजस्व व्यय में 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि पूंजीगत व्यय 87 प्रतिशत बढ़ा है।’ उन्होंने कहा कि साल के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। नायर ने कहा कि हाल के पूरक अनुदान मांग में अतिरिक्त नकदी आने और 1 लाख करोड़ रुपये बचत से केंद्र का वित्त वर्ष 23 में व्यय बजट अनुमान से 2.3 लाख करोड़ रुपये अधिक हो सकता है।

First Published - December 30, 2022 | 10:51 PM IST

संबंधित पोस्ट